एकादशी के दिन कभी ना करें ये काम, झेलना पड़ता हैं दोष

आज आषाढ़ मास के कृष्‍ण पक्ष की एकादशी हैं जिसे योगिनी एकादशी के रूप में मनाया जाता है। आज के दिन किया गया व्रत 88000 ब्राहमणों के भोजन कराने जितना फलदायक माना जाता है। शास्त्रों में एकादशी के दिन से जुड़े कुछ नियम बनाए गए हैं जिनका पालन करना लाभकारी सिद्ध होता हैं। आज इस कड़ी में हम आपको उन उन कामों के बारे में बताने जा रहे हैं जो एकादशी के दिन नहीं किए जाने चाहिए। तो आइये जानते हैं इनके बारे में।

दिन में न सोएं

एकादशी तिथि के दिन में सोना शास्‍त्रों में वर्जित माना गया है। यह दिन बहुत ही पवित्र माना गया है और इसे आप बिना वजह सोने में न व्‍यर्थ करें। इस दिन सुबह उठकर ईश्‍वीर की भक्ति करें और भगवान विष्‍णु के मंत्रों का जप करें। अगर आप व्रत नहीं भी रखते हैं तो भी श्रीहरि का जप जरूर करें।

झाड़ू न लगाएं

एकादशी के दिन घर में झाडू न लगाएं। इससे चींटी आदि सूक्ष्म जीवों की मृत्यु का भय रहता है। इस दिन बाल न कटाएं। मधुर बोलें, अधिक न बोलें, अधिक बोलने से न बोलने योग्य वचन भी निकल जाते हैं। सत्य भाषण करना चाहिए।

न खाएं ये चीजें

एकादशी के दिन मसूर, उड़द, चने, गोभी, गाजर, शलजम, पालक का साग इत्यादि सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन आपके बुरे कामों से भी दूरी रखनी चाहिए।जुआ, निद्रा, पान, परायी निन्दा, चुगली, चोरी, हिंसा, मैथुन, क्रोध तथा झूठ, कपटादि अन्य कुकर्मों से दूर रहना चाहिए।

न तोड़े तुलसी का पत्‍ता

एकादशी तिथि के दिन तुलसी का पत्ता नहीं तोड़ना चाहिए। इस दिन तुलसी के पौधे के नीचे दीप जलाना चाहिए। द्वादशी तिथि को पारण तुलसी के पत्तों से करना चाहिए, इसके लिए तुलसी पत्ता व्रती को स्वयं नहीं तोड़ना चाहिए। बच्चे या बुजुर्ग जिन्होंने व्रत ना किया हो उनसे पत्ता तोड़ने के लिए कहना चाहिए। एकादशी तिथि को अगर आप माता तुलसी को सुहाग का सारा समान भेंट करके फिर इसे किसी जरूरतमंद को दे दें तो आपको खासा लाभ होगा।

चावल से बनी चीजें ना खाएं

एकादशी के दिन किसी को भी चावल नहीं खाने चाहिए और न ही किसी को चावल दान करने चाहिए। अगर आपके द्वार पर कोई याचक आता है तो इस दिन चावल छोड़कर अन्‍य चीजों का दान कर सकते हैं। माना जाता है कि इस दिन चावल खाने वाले व्‍यक्ति को रेंगने वाले जीव की योनि में जन्‍म मिलता है। भगवान विष्‍णु की पूजा से संबंधित किसी भी तिथि में चावल नहीं खाने चाहिए।

न करें इनका अपमान

एकादशी के दिन मन को शांत रखें और भूले से भी पिता और गुरुजनों का अनादर न करें। इन्हें गुरु ग्रह का प्रतिनिधि माना गया है इनके अपमान से गुरु शुभ फल नहीं देते। हिंदू धर्म में एकादशी को पवित्र दिन माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन घर में शांति और सद्भाव बनाए रखने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। इसलिए भूलकर भी घर के शुद्ध वातावरण को खराब न होने दें और कलह से बचें।