आज नवरात्रि का सातवां दिन हैं जो कि माता के कालरात्रि स्वरुप को समर्पित होता हैं। शक्ति का यह स्वरुप अंधकारमय स्थितियों का विनाश करने वाला हैं। अपने भक्तों के लिए माता हमेशा ही शुभकारी होती हैं और माता की पूजा से अग्नि, जल, जंतु, शत्रु और रात्रि भय दूर हो जाते हैं। सातवें नवरात्रि पर मां को गुड़ का नैवेद्य चढ़ाने व उसे ब्राह्मण को दान करने से शोक से मुक्ति मिलती है एवं आकस्मिक आने वाले संकटों से रक्षा भी होती है। आज इस कड़ी में हम आपके लिए मां कालरात्रि के विशेष मंत्र लेकर आए हैं जो आपको मां का आशीर्वाद दिलाएंगे।
- ॐ कालरात्र्यै नम:।
- ॐ फट् शत्रून साघय घातय ॐ।
- ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं दुर्गति नाशिन्यै महामायायै स्वाहा।
- ॐ ऐं सर्वाप्रशमनं त्रैलोक्यस्या अखिलेश्वरी। एवमेव त्वथा कार्यस्मद् वैरिविनाशनम् नमो सें ऐं ॐ।।
- ॐ यदि चापि वरो देयस्त्वयास्माकं महेश्वरि। संस्मृता संस्मृता त्वं नो हिंसेथाः परमाऽऽपदः ॐ।।
- ॐ ऐं यश्चमर्त्य: स्तवैरेभि: त्वां स्तोष्यत्यमलानने। तस्य वित्तीर्द्धविभवै: धनदारादि समप्दाम् ऐं ॐ।।
- एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता, लम्बोष्टी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी।
वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा, वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयंकरी॥