देवउठनी एकादशी पर मिलता हैं 1 हजार अश्वमेघ यज्ञ के बराबर फल, जरूर करें ये उपाय

दिवाली के बाद कार्तिक शुक्ल एकदशी को देवउठनी एकादशी के रूप में जाना जाता हैं जो कि इस बार 8 नवंबर को है। इस दिन भगवान विष्णु चार महीने के शयनकाल के बाद जागते हैं। माना जाता है कि भगवान विष्णु इस दिन विश्राम से जागकर सृष्टि का कार्य-भार संभालते हैं। इसलिए इस दिन के बाद से ही शादी और मंगल कार्यों की शुरुआत की जा सकती हैं। पुराणों में देवउठनी एकादशी का बड़ा महत्व बताया गया हैं और इस दिन किए गए उपायों से 1 हजार अश्वमेघ यज्ञ जितना फल मिलता हैं। आज हम आपको इस दिन किए जाने वाले उपायों के बारे में बताने जा रहे है।

तुलसी विवाह

देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ तुलसी का विवाह करने की परंपरा है। इस दिन हर सुहागन महिला को यह विवाह जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से उसे अंखड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। मां तुलसी की पूजा करते समय उन्हें लाल चुनरी जरूर चढ़ाएं।

शाम को घर में दीपक जलाएं

इस दिन शाम को घर के हर कोने में एक दीपक जलाकर मां लक्ष्मी की पूजा जरूर करनी चाहिए। ऐसा करने से मां लक्ष्मी की कृपा आपके ऊपर हमेशा बनी रहती है।

लक्ष्मी पूजन

देवउठनी एकादशी के दिन स्नान करने के बाद भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की भी विधिवत पूजा जरूर होता है। याद रखें ऐसा करने पर ही आपकी पूजा पूर्ण मानी जाती है और व्यक्ति को मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

पीपल के वृक्ष में दीपक जलाएं

ऐसा माना जाता है कि पीपल के वृक्ष में देवताओं का वास होता है। यही वजह है कि देवउठनी एकादशी के दिन पीपल के वृक्ष के पास सुबह गाय के घी का दीपक जलाना शुभ माना जाता है।

लक्ष्मी सूक्त का पाठ करें

देव दीपावली के दिन मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए सूक्त पाठ जरूर करें। ऐसा करने से आपके सारे आर्थिक संकट दूर हो जाएंगे।

शंख में गाय का दूध डालकर करें अभिषेक

देव उठनी एकादशी के दिन दक्षिणवर्ती शंख में गाय का दूध डालकर भगवान विष्णु का अभिषेक करना चाहिए। इसके अलावा आज के दिन भगवान विष्णु और लक्ष्मी पूजन के साथ तुलसी विवाह भी अवश्य करें।