भूल से भी इन 5 लोगों का मजाक उड़ाना आपको पड़ सकता है भारी

आपने ऐसे कई लोगों को देख होगा जिनका अंदाज ही मजाकिया होता है। और होना भी चाहिए क्योंकि हंसी-मजाक जिंदगी का अहम हिस्सा होता हैं। लेकिन मजाक करते समय थोडा ध्यान रखने की जरूरत है कि आप किसके साथ मजाक कर रहे हैं और क्या मजाक कर रहे हैं। क्योंकि जिस मजाक से किसी का अपमान हो या उसे दुख पहुंचे, ऐसा काम भूल कर भी नहीं करना चाहिए। इसलिए आज हम आपको मनुस्मृति में वर्णित उन लोगों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका मजाक कभी भी नहीं उडाना चाहिए। तो आइये जानते उन लोगों के बारे में।

* हीन (कम) अंग वाले : हीन अंग वाले लोग यानी जिनके शरीर का कोई न कोई हिस्सा या तो है ही नहीं या अधूरा है जैसा- लूला, लंगड़ा, काना आदि। कुछ लोग तो जन्म से ही हीन अंग वाले होते हैं, वहीं कुछ लोग दुर्घटना में अंगहीन हो जाते हैं। मनु स्मृति के अनुसार, ऐसे लोगों का कभी भी मजाक नहीं उड़ाना चाहिए। यदि हम ऐसे लोगों का मजाक उड़ाते हैं तो ये दुखी होते हैं। इसका बुरा परिणाम किसी न किसी रूप में हमें भविष्य में मिलता है।

* अधिक अंग वाले : कुछ लोगों के शरीर में अधिक अंग होते हैं जैसे किसी के हाथ या पैर में 6 उंगलियां होती हैं। मनु स्मृति के अनुसार शरीर में अधिक अंग होने पर भी किसी का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए, क्योंकि वह तो जन्मजात ही ऐसा है। भगवान ने उसे इसी रूप में धरती पर भेजा है। यदि हम ऐसे लोगों का मजाक उड़ाते हैं तो समझना चाहिए कि हम परम पिता परमेश्वर का मजाक उड़ा रहे हैं।

* कुरूप : हर इंसान का चेहरा, रंग-रूप व शारीरिक बनावट एक-दूसरे से अलग होती है। किसी का चेहरा गोरा होता है तो किसी का काला। कुछ लोग सुंदर होते हैं तो कुछ के चेहरा इसके विपरीत होता है। कोई व्यक्ति अगर काला है या वो सुंदर नहीं है तो इसमें उसका कोई दोष नहीं होता, यह सब तो जन्म से ही होता है। हमें ऐसे व्यक्ति के रंग-रूप को ध्यान में न रखते हुए उसके चरित्र के गुणों को देखना चाहिए।

* गरीब : कोई भी इंसान अपनी मर्जी से गरीब नहीं होता। कुछ लोग जन्म से ही अमीर होते हैं, वहीं कुछ अपनी मेहनत से पैसा कमाते हैं। कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो बहुत मेहनत करने के बाद भी गरीब ही रहते हैं। गरीब इंसान मेहनत-मजदूरी करता है और अपने परिवार को पालता है।

* छोटी जाति के लोग : जाति आधारित व्यवस्था भगवान ने नहीं बल्कि इंसानों ने ही बनाई है। भगवान के लिए तो सभी इंसान एक समान हैं। जब हवा, पानी, धरती और आग इंसानों में भेदभाव नहीं करती तो हमें भी जाति के आधार पर किसी से भेदभाव नहीं करना चाहिए और न ही किसी का मजाक उड़ाना चाहिए।