सावन में भूलकर भी ना करें ये काम झेलना पड़ सकता हैं शिवजी का प्रकोप

सावन का महीना शिवभक्तों के जीवन में एक नई उत्साह और उमंग को लेकर आता हैं। देवों के देव महादेव को यह महीना अतिप्रिय होता हैं और शास्त्रों में बताया गया है कि सावन के महीने में भोले भंडारी इस धरती पर अवतरित होता हैं और भक्तों से प्रसन्न होकर उनकी सभी मनोकामनाएँ पूरी करते हैं। लेकिन सावन के महीने में शिव की पूजा में की गई कुछ गलतियां आपको शिवजी का प्रकोप झेलने पर मजबूर भी कर सकती हैं। जी हाँ, ऐसे कुछ काम हैं जिन्हें सावन के दिनों में नहीं करना चाहिए, नहीं तो भगवान शिव नाराज हो जाते हैं। तो आइये जानते हैं उन कामों के बारे में जिन्हें सावन के दिनों में करने से बचना चाहिए।
- सावन में शिवजी का अभिषेक करते समय कभी भी हल्दी का प्रयोग ना करें।
- शास्त्रों में सावन के महीने में बैंगन का खाना वर्जित माना गया है। उसे अशुद्ध बताया गया है। इसलिए बैंग को द्वादशी, चतुर्दशी और कार्तिक मास में भी इसे खाने की मनाही कही गई है।

- सावन में व्रतधारी को दूध का सेवन भी नहीं करना चाहिए। दरअसल सावन में मौसम परिवर्तन होता है, जिससे कई छोटे-छोटे कीड़े-मोकड़े भी होते हैं। कभी-कभी गाय-भैंस उनको खा जाती हैं, इसलिए उनका दूध हानिकारक हो जाता है।
- शिवभक्तों को कभी भी सावन में बुरे विचार मन में नहीं लाने चाहिए। इस समय धर्म संबंधी किताबों का अध्ययन करना चाहिए।
- सावन में ही नहीं कभी भी माता-पिता, बुजुर्ग व्यक्ति, भाई-बहन, स्त्री, गरीबों और ज्ञानी लोगों का अपमान नहीं करना चाहिए।

- शास्त्रों में बताया गया है कि सावन में भक्त और ईश्वर के बीच की दूरी कम हो जाती है। इसलिए सुबह देरतक सो कर इसे व्यर्थ नहीं करना चाहिए। सुबह जल्दी उठकर शिवजी की पूजा करनी चाहिए।
- हिंदू धर्म में सावन का विशेष महत्व बताया गया है इसलिए इस महीने में ही नहीं कभी भी मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे आपका मन अशुद्ध होता है और अशुद्ध मन से भगवान की पूजा नहीं की जाती।
- सावन में शिव भक्ति के लिए आपके आसपास सकारात्मक माहौल बहुत जरूरी है। उसके लिए आप हमेशा अपने घर में साफ-सफाई रखें।
- पुराणों के अनुसार सावन महीने में स्त्री-पुरुष प्रसंग से बचना चाहिए। ब्रह्मचर्य व्रत के नियमों का पालन करना चाहिए। इससे नरक की यातना भुगतनी पड़ती है और अगले जन्म में पशु योनी में जन्म लेना पड़ता है।