देवउठनी एकादशी: 4 महीने बाद फिर शुरू होंगे शुभ कार्य

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी देवोत्थान या देव उठानी ग्यारस के नाम से प्रसिद्घ है तथा इस बार यह एकादशी 31 अक्तूबर को है। इस दिन भगवान चार महीने की नींद के बाद जागते हैं और फिर सारे शुभ कार्य शुरू हो जाते हैं।

जिन लोगों के कार्यों में किसी कारणवश कोई बाधा आती है तो वह श्रद्घाभावना से तुलसी विवाह करके उन विध्न बाधाओं को समाप्त करके पुण्य के भागी बन सकते हैं। जिस दम्पति के कन्या नहीं होती वह जीवन में एक बार तुलसी जी का शालीग्राम जी के साथ धूमधाम से विवाह करवाकर यदि कन्यादान करें तो उन्हें संतान सुख की प्राप्ति होती है।

अगर इस दिन पूजा के दौरान कुछ कार्य किए जाए तो उसका फल जरूर मिलता है। आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में।

# इस दिन अन्य एकादशियों की भांति ही व्रत करने का संकल्प करके उपवास किया जाता है तथा भगवान विष्णु का लक्ष्मी जी सहित धूप, दीप, नैैवेद्य, फल और फूलों से पूजन करना चाहिए।

# भगवान को जगाने के लिए-‘उतिष्ठ, उतिष्ठ, गोबिंद उतिष्ठ गरुडध्वज, त्वयो चोत्तिष्ठमानेन ,चोत्तिष्ठम् भुवनत्रयम्’ मंत्र का उच्चारण करना चाहिए।

# दक्षिणावर्ती शंख में गंगाजल डालकर श्री हरि का अभिषेक करें।

# पीले रंग के फल और मिष्ठान का भोग लगाएं।

# पीपल के पेड़ पर जल अर्पित करके 3 परिक्रमा करें।

# सूर्यास्त के बाद तुलसी पर तिल के तेल से दीपक करें।