
चैत्र नवरात्रि हिंदू धर्म में एक विशेष पर्व है, जो देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना के लिए मनाया जाता है। इस दौरान भक्त श्रद्धा भाव से उपवास रखते हैं और सात्विक आहार ग्रहण करते हैं। इसे राम नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इस दौरान भगवान राम और मां दुर्गा, दोनों की पूजा की जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, यह पर्व चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तिथि तक मनाया जाता है।
चैत्र नवरात्रि 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्तपंचांग के अनुसार, इस वर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 29 मार्च, शनिवार को शाम 4:27 बजे होगी और इसका समापन 30 मार्च, रविवार को दोपहर 12:49 बजे होगा। उदया तिथि के अनुसार, चैत्र नवरात्रि का आरंभ 30 मार्च से होगा और 6 अप्रैल, रविवार को रामनवमी के साथ इसका समापन होगा।
चैत्र नवरात्रि उपवास में क्या खाएं और क्या न खाएं?चैत्र नवरात्रि उपवास में क्या खाएं?नवरात्रि व्रत के दौरान सात्विक भोजन का सेवन किया जाता है। उपवास में आप निम्नलिखित चीजें खा सकते हैं:
✅ फल: सभी प्रकार के ताजे और सूखे फल खा सकते हैं।
✅ सब्जियां: आलू, कद्दू, लौकी, खीरा, टमाटर, पालक, गाजर और शकरकंद आदि।
✅ डेयरी उत्पाद: दूध, दही, पनीर, मक्खन और इससे बनी मिठाइयाँ।
✅ सूखे मेवे: बादाम, काजू, किशमिश, अखरोट, मखाना आदि।
✅ अनाज: कुट्टू का आटा, सिंघाड़े का आटा, साबूदाना और समा के चावल।
✅ तेल: मूंगफली का तेल, घी और सूरजमुखी का तेल।
✅ अन्य: सेंधा नमक और मिश्री या चीनी का सेवन कर सकते हैं।
चैत्र नवरात्रि उपवास में क्या न खाएं?
व्रत के दौरान कुछ चीजों का सेवन वर्जित होता है, जैसे:❌ अनाज: गेहूं, चावल और दालों का सेवन न करें।
❌ सब्जियां: प्याज और लहसुन का उपयोग वर्जित है।
❌ मांसाहार: मांस, मछली और अंडे का सेवन न करें।
❌ नशा: शराब और धूम्रपान से दूर रहें।
❌ मसाले: हल्दी, धनिया पाउडर, गरम मसाला आदि का सेवन न करें।
❌ तेल: तिल और सरसों के तेल का उपयोग न करें।
❌ नमक: साधारण नमक की जगह सेंधा नमक का प्रयोग करें।
❌ दालें: नवरात्रि के दौरान दालों का सेवन भी वर्जित है।
व्रत का पालन करने के महत्वपूर्ण नियम सात्विक भोजन करें – नवरात्रि के दौरान शुद्ध और हल्का भोजन करें, जिससे शरीर और मन दोनों शुद्ध रहें।
स्वच्छता का ध्यान रखें – घर और रसोई को साफ-सुथरा रखें, जिससे सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे।
नकारात्मक विचारों से बचें – मन में अच्छे विचार लाएं और दूसरों के प्रति दयालु रहें।
दान करें – जरूरतमंदों की मदद करें और यथासंभव दान-पुण्य करें।
भक्ति में मन लगाएं – देवी मां की पूजा और मंत्र जाप में ध्यान केंद्रित करें।
ब्रह्मचर्य का पालन करें – संयम और अनुशासन का पालन करें।
क्रोध न करें – व्रत के दौरान मन को शांत रखें और किसी से कटु शब्द न बोलें।
स्वास्थ्य का ध्यान रखें – यदि किसी को स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो तो उपवास रखने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
(Disclaimer: यह जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है, इसे व्यक्तिगत आस्था के अनुसार अपनाएं।)