श्रावण मास में बेलपत्र चढ़ाते समय बोला गया यह मंत्र, लाता है जीवन में वृद्धि

सावन का महीना है और सभी तरफ भगवान शिव के जयकारे सुनाई दे रहे हैं। सभी भक्तगण मंदिरों में जाकर भगवान शिव की पूजा-अर्चना कर रहें हैं। भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते समय भक्त कई चीजें भगवान को चढाते हैं। विशेष रूप से बेलपत्र चढाने का बड़ा महत्व माना जाता हैं। इससे भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों को अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसा मंत्र बताने जा रहे हैं जिसे बिल्वपत्र चढ़ाते समय बोला जाए तो इससे मिलने वाले पुण्य फल में और भी अधिक वृद्धि हो जाती है। तो आइये जानते हैं इस मंत्र को।

* बिल्वपत्र चढ़ाने का मंत्र

नमो बिल्ल्मिने च कवचिने च नमो वर्म्मिणे च वरूथिने च
नमः श्रुताय च श्रुतसेनाय च नमो दुन्दुब्भ्याय चा हनन्न्याय च नमो घृश्णवे॥
दर्शनं बिल्वपत्रस्य स्पर्शनम् पापनाशनम्। अघोर पाप संहारं बिल्व पत्रं शिवार्पणम्॥
त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रिधायुधम्। त्रिजन्मपापसंहारं बिल्वपत्रं शिवार्पणम्॥
अखण्डै बिल्वपत्रैश्च पूजये शिव शंकरम्। कोटिकन्या महादानं बिल्व पत्रं शिवार्पणम्॥
गृहाण बिल्व पत्राणि सपुश्पाणि महेश्वर। सुगन्धीनि भवानीश शिवत्वंकुसुम प्रिय॥