जानें भौम प्रदोष व्रत की पूजन विधि, शिवकृपा से दूर होगी कर्ज की परेशानी

हर महीने की शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत किया जाता हैं। आज माघ कृष्ण त्रयोदशी हैं और मंगलवार हैं जिसे भौम प्रदोष व्रत के रूप में जाना जाता हैं। आज शिव-पार्वती की उपासना के साथ ही हनुमान जी की उपासना भी की जाती हैं जिससे जीवन में आई कर्ज की परेशानी दूर होती हैं। माना जाता है कि इस व्रत को सच्चे मन से करने से कर्ज की परेशानी दूर होती है। सेहत सही रहने के साथ जीवन की परेशानियों से राहत मिलती है। घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होने से सुख-समृद्धि व शांति का वास होता है। आज इस कड़ी में हम आपको प्रदोष व्रत की पूर्ण पूजन विधि के बारे में बताने जा रहे हैं ताकि आपको पूरा लाभ मिल सकें। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।

प्रदोष व्रत पूजा विधि

- सुबह ब्रह्म मूहूर्त में उठकर स्नान करके साफ कपड़े पहनकर व्रत का संकल्प करें।
- पूरा दिन भगवान का स्मरण करते हुए निराहार या फलाहारी व्रत रखें।
- इस व्रत की पूजा प्रदोष काल अर्थात शाम के समय होती है।
- इसलिए सूर्य अस्त होने के करीब 1 घंटा पहले पूजा शुरू करें।
- इसके लिए घर के ईशान कोण को साफ करके गंगाजल से छिड़काव करें।
- चौकी पर सफेद कपड़ा बिछाकर चारों और कलावा या मौली बांधें।

- उसके ऊपर भगवान शिव की प्रतिमा या शिवलिंग स्थापित करें।
- भगवान के चरणों पर गंगाजल डालकर उन्हें फूलों की माला चढ़ाएं।
- फिर चंदन का तिलक लगाकर धतूरा, भांग, बेलपत्र व मौसमी फल अर्पित करें।
- दीपक, धूप, अगरबत्ती जलाकर शिव मंत्रों का जाप करें। साथ ही शिव पुराण तथा शिव चालीसा का पाठ करना शुभ होगा।
- अंत में शिव जी की आरती करके उन्हें भोग लगाएं।