घर का वास्तु खराब हो तो बर्बाद हो सकता हैं जीवन, फेंगशुई की इन 5 बातों से इसे संवारे

हर किसी की चाहत होती हैं कि वह अपने परिवार संग अपने घर में सुख-समृद्धि के साथ निवास करें। लेकिन इसके लिए घर का वास्तुसंगत होना बहुत जरूरी हैं अन्यथा यह नकारात्मकता का संचार करते हुए परिवार के लोगों में कलेश उत्पन्न करता हैं और जीवन को बर्बाद कर सकता हैं। ऐसे में जरूरी हैं कि समय रहते घर को वास्तुसंगत बनाया जाए। ऐसे में आज हम आपके लिए फेंगशुई में बताए गए कुछ उपाय लेकर आए हैं जो आपकी इस परेशानी को दूर करते हुए जीवन को संवारने का काम करेंगे। तो आइये जानते हैं फेंगशुई के इन उपायों के बारे में।

- सबसे पहली बात क‍ि आप अपने बेड का ध्‍यान रखें। देख लें क‍ि आपका बेड कभी भी बीम के नीचे नहीं होना चाह‍िए। लेक‍िन अगर इसका कोई सॉल्‍यूशन न हो तो आप बीम के नीचे बीचोंबीच में एक व‍िंड चाइम लगा दें। फेंगशुई के अनुसार इससे प्रॉब्‍लम्‍स धीरे-धीरे कम होने लगेंगी।

- दूसरे नंबर पर है आपके बेडरूम की स्थिति। यानी क‍ि अगर आपके बेडरूम की द‍िशा पहले ही गलत हो तो अपने बेड की द‍िशा सही कर लें। फेंगशुई के अनुसार बेड को हमेशा उत्‍तर-दक्षिण में बेड रखकर दक्षिण में स‍िर रखना चाह‍िए। ऐसे ही अगर पानी की बोर‍िंग गलत हो गई हो तो कोश‍िश करें क‍ि उसका न‍िकास ईशानकोण या फ‍िर पूर्व द‍िशा की ओर कर दें। इससे भी वास्‍तुदोष से राहत म‍िलेगी।

- तीसरी बात यह है क‍ि घर में लगा आइना या फ‍िर शीशा कभी भी दक्षिण द‍िशा में नहीं होना चाह‍िए। इसकी द‍िशा हमेशा पूर्व, पश्चिम या फ‍िर उत्‍तर होनी चाह‍िए। इसी के साथ इसका भी ख्‍याल रखें क‍ि कभी भी बाथरूम और डायन‍िंग रूम एक साथ न हों।

- चौथी बात यह है क‍ि अगर धन संबंध‍ित नुकसान झेल रहे हों। या फ‍िर पैसों को लेकर हमेशा झगड़ा लगा रहता हो तो घर के अंदर क्रिस्‍टल लगा लें। फेंगशुई के अनुसार क्रिस्‍टल लगाने से वास्‍तुदोष कम हो जाता है और जातकों की लाइफ हैप्पी हो जाती है।

- पांचवी बात यह है क‍ि घर में रखी भगवान की मूर्तियां हमेशा पंच धातु या फ‍िर पत्‍थर की ही होनी चाह‍िए। फेंगशुई के अनुसार ऐसी मूर्तियां अगर आप छत के नीचे सोते हैं तो वहां आपकी रक्षा करेंगी। अगर बीम के नीचे सोते हैं तो ज‍िस स्‍थान पर आप सोते हैं, वहां सामने के कोने में स्‍टेच्‍यु रखें। इसके अलावा अगर कोई नया व्‍यवसाय कर रहे हैं तो प्रवेश द्वार पर एक स्‍टेच्‍यु लगा लें। इससे आत्‍मव‍िश्‍वास में भी वृद्धि होती है। साथ ही सुख-समृद्धि में भी वृद्धि होती है।