भूत व प्रेतबाधा मुक्ति के सरल उपाय

हमारे जीवन में हम सभी भगवान पर विश्वास करते हैं और उनका पूजन करते हैं। जिस तरह भगवान के रूप में धरती पर सकारात्मक उर्जा उपस्थित हैं, उसी तरह नकारात्मक उर्जा की उपस्थिति को भी नकारा नहीं जा सकता जिसको भूत-प्रेत का नाम दिया जाता हैं। प्रेत-पिशाच या भूत-प्रेत को एक बड़ा शिक्षित और संभ्रात वर्ग माने या ना माने, लेकिन अधिकतर लोगों की नजर में यह ऊपरी बाधा बहुत ही नुकसान पहुंचाने और मुसीबतों में झोंक देने वाली होती है। अगर आप भी इस तरह की उपरी बाधा से परेशान हैं तो हिन्दू धर्म में इससे बचने के कई उपाय भी बताये गए हैं, तो आइये हम आपको बताते हैं किस तरह आप इस प्रेतबाधा से मुक्ति पा सकते हैं।

* मंगलवार या शनिवार के दिन बजरंग बाण का पाठ शुरू करें। यह डर और भय को भगाने का सबसे अच्छा उपाय है।

* गणेश भगवान को एक पूरी सुपारी रोज चढ़ाएं और एक कटोरी चावल दान करें। यह क्रिया एक वर्ष तक करें, नजर दोष व भूत-प्रेत बाधा आदि के कारण बाधित सभी कार्य पूरे होंगे।

* प्रेत बाधा दूर करने के लिए पुष्य नक्षत्र में चिड़चिटे अथवा धतूरे का पौधा जड़सहित उखाड़ कर उसे धरती में ऐसा दबाएं कि जड़ वाला भाग ऊपर रहे और पूरा पौधा धरती में समा जाएं। इस उपाय से घर में प्रेतबाधा नहीं रहती और व्यक्ति सुख-शांति का अनुभव करता है।

* जिस किसी व्यक्ति पर प्रेत की साया हो उसके गले में ओम या रुद्राक्ष का अभिमंत्रित लाॅकेट पहनाएं। इसी के साथ उसके सिर पर चंदन, केसर या भभूत का तिलक लगाएं और हाथ में घर के पूजास्थल या हनुमान मंदिर से लेकर मौली बांध दें।

* घर में रात्रि को भोजन पश्चात सोने से पूर्व चांदी की कटोरी में देवस्थान या किसी अन्य पवित्र स्थल पर कपूर तथा लौंग जला दें। इससे आकस्मिक, दैहिक, दैविक एवं भौतिक संकटों से मुक्त मिलती है।

* अशोक वृक्ष के सात पत्ते मंदिर में रख कर पूजा करें। उनके सूखने पर नए पत्ते रखें और पुराने पत्ते पीपल के पेड़ के नीचे रख दें। यह क्रिया नियमित रूप से करें, आपका घर भूत-प्रेत बाधा, नजर दोष आदि से मुक्त रहेगा।

* मां काली के लिए उनके नाम से प्रतिदिन अच्छी तरह से पवित्र की हुई दो अगरबत्ती सुबह और दो दिन ढलने से पूर्व लगाएं और उनसे घर और शरीर की रक्षा करने की प्रार्थना करें।