बारिश को लाने और रोकने के लिए किये जाने वाले टोटके

दोस्तों किसान का जीवन और किसान का कार्य अधिकाश प्रकृति पर निर्भर करता हे। प्रकृति चाहे तो किसान मालामाल हो जाता हे और प्रकृति रूठ जाये तो बर्बाद। किसानी कार्य में बरसात का अपना अलग ही महत्व हे यदि समय पर हो तो अच्छा और यही असमय हो तो नुकसान कभी ज्यादा बारिश से तो कभी ओलो से नुकसान। किसान हज़ारो जुगाड़ कर के भी अपनी फसल को नही बचा पाता है। एसी स्थिति में वो आस्था और विश्वास को ले कर कुछ जुगाड़ और टोटके में लग जाता है। आज हम बरसात लाने और असमय बरसात और ओले गिरने से रोकने के लिए जो किसान अपने अपने क्षेत्रो में टोटके करते हैं, वो जानेगे।

# मेडक की शादी करवाना : मान्यता है कि मेंढक कि शादी करवाने से मुसलाधार बारिश होती हैं। इसलिए गावो में गाव वाले मिलकर मेडक की शादी करवाते हैं।

# खेतो पर दाल बाटी बनाना : नीमच मंदसौर चित्तोड़ जिले में भगवान इंद्र को खुश करने के लिए रविवार को पुरे गाव वाले अपने खेतो पर जा कर दाल बाटी बना के भगवान को भोग लगा कर उज्जेनी मानते हें। ताकि अच्छी बरसात हो।

# किन्नर को प्रसन्न करना
: रतलाम उज्जेन के क्षेत्रो में किन्नर को नचाया जाता हे और उन्हें पैसे दे कर खुश किया जाता हे अच्छी बरसात के लिए।

# भेरू जी को घसीटना
: मप्र के और राजस्थान के कई जिलो में भेरू जी को बेलो से बाध के गाव में घसीटा जाता है, मान्यता हे की ऐसा करने पर अच्छी बरसात होती है।

# कपडे की गुडिया की पिटाई : किसानो द्वारा कपडे की गुडिया बना कर उसे खेत पर ले जा कर पीटा जाता हे मान्यता है की इससे बरसात रुक जाती है।

# चूल्हे पर तवा उल्टा करना : कृषक महिलाओ द्वरा घनघोर बादल होने पर अपने खेतो पर फसल के नुकसान से बचाने के लिए चुल्हे पर रोटी बनाने वाले तवे को उल्टा रखा जाता हैं।

# काली माह दाल को खेत में गाड़ना : असमय बरसात से होने वाले नुकसान से बचने के लिए पजाब के इलाकों में काली माह दाल को अपने खेतो में गड्डा खोद के गाडा जाता हैं।