आज आधुनिक सुख-सुविधाओं के आकर्षण के चलते सभी इन्हें प्राप्त करने के लिए लोग कई तरह के जतन कर रहे हैं। यह सभी सुविधाएं जुटाने के लिए काफी धन की आवश्यकता होती है। आय सामान्य रहने पर भी व्यक्ति कर्ज लेकर इन सुविधाओं को प्राप्त करता है। कई बार कर्ज लेने के बाद उसे लौटाना व्यक्ति को भारी पड़ता है और उसकी पूरी जिंदगी कर्ज चुकाते-चुकाते खत्म हो जाती है। कर्ज एक ऐसा दलदल है, जिसमें एक बार फंसने पर व्यक्ति उसमें धंसता ही चला जाता है। कर्ज अथवा ऋण के बोझ में दबकर मनुष्य अपनी पूरी जिंदगी बर्बाद कर देता है। कर्ज मुक्ति हेतु आइए जानें कुछ सरल और कुछ कठिन, लेकिन अचूक उपाय।
* एक नारियल ले तथा इसमें चमेली का तेल मिले सिंदूर से स्वस्तिक चिन्ह बनाओ। लड्डू व गुड-चना का भोग हनुमान जी के मंदिर में जाकर चढ़ाए तथा ऋणमोचक मंगल स्तोत्र का पाठ करें। तुरत लाभ प्राप्त होगा।
* शनिवार को ऋणमुक्तेश्वर महादेव का पूजन करें। मंगल की भातपूजा, दान, होम और जप करें। मंगल एवं बुधवार को कर्ज का लेन-देन न करें।
* हर महीने की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। अलग-अलग दिन पड़ने वाले प्रदोष की महिमा अलग-अलग होती है। सोमवार का प्रदोष, मंगलवार को आने वाला प्रदोष और अन्य वार को आने वाला प्रदोष सभी का महत्व और लाभ अलग अलग है।मंगलवार को आने वाले इस प्रदोष को भौम प्रदोष कहते हैं। इस दिन स्वास्थ्य सबंधी हर तरह की समस्याओं से मुक्ति पाई जा सकती है। इस दिन प्रदोष व्रत विधिपूर्वक रखने से कर्ज से छुटकारा मिल जाता है।
* लाल, सफेद वस्त्रों का अधिकतम प्रयोग करें। श्रीगणेश को प्रतिदिन दूर्वा और मोदक का भोग लगाएं। श्रीगणेश का अथर्वशीर्ष का पाठ प्रति बुधवार करें।
* सर्वप्रथम 5 लाल गुलाब के पूर्ण खिले हुए फूल लें। इसके पश्चात् डेढ़ मीटर सफेद कपड़ा लेकर अपने सामने बिछा लें।अब इन पांचों गुलाब के फुलों को उसमें रखकर 21 बार गायत्री मंत्र पढ़ते हुए उसे बांध दें। अब स्वयं जाकर इन्हें जल में प्रवाहित कर दें। इस उपाय से जल्द ही कर्ज से मुक्ति मिल जाती है।
* कर्ज-मुक्ति के लिए आप ‘गजेन्द्र-मोक्ष’ (Gajendra Moksha) स्तोत्र का प्रतिदिन सूर्योदय से पूर्व पाठ भी कर सकते हैं। दोनों (ऋणमोचक मंगल स्तोत्र या गजेन्द्र-मोक्ष ) में से किसी एक का ही पाठ करें। दोनों ही कर्ज मुक्ति के लिए अमोघ उपाय हैं।