सावन का पूरा महीना भक्त भगवान शिव की भक्ति में निकालते हैं और कामना करते है कि उनके जीवन के सभी दुख-दर्दों का नाश हो जाए। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिस तरह से सावन के सोमवार का बड़ा महत्व माना जाता है, उसी तरह से सावन के शनिवार का भी बड़ा महत्व होता हैं। जी हाँ, सावन के शनिवार को की गई महादेव की पूजा आपको शनिदेव की कुदृष्टि से बचाए रखती हैं। शनि देव भगवान शिव को अपना गुरु मानते हैं, इसलिए सावन के शनिवार को भगवान शिव की पूजा हमें भगवान शिव के साथ शनिदेव की कृपा भी प्राप्त करवाती हैं। तो आइये आज हम बताते हैं कि किस तरह की जानी चाहिए यह पूजा।
* सावन के महीने में शनिवार के दिन एक लोटे में जल ले और उसमें काले तिल ड़ालकर भगवान शिव को जल चढ़ाएं। इसके साथ ही भगवान शिव जी की पूजा करते हुए महामृत्युंजय मंत्र का जाप भी करें। इसके अलावा शिव मंदिर जाकर शिवलिंग पर 21 बेलपत्रों पर चंदन से 'ऊं नम: शिवाय' लिखकर चढ़ाए।
* जिस किसी व्यक्ति के जीवन में विवाह संबंधी किसी प्रकार की कोई भी परेशानी आ रही हैं तो उस व्यक्ति को सावन के महीने में शिवलिंग पर केसर मिला दूध चढ़ाएँ। ऐसा करने से विवाह में आ रही सभी परेशानियाँ जल्द ही दूर हो जाएंगी।
* इसके अलावा जिस किसी व्यक्ति के कुंडली में शनि का दोष है वे लोग शनिवार के दिन काले तिल, काला कपड़ा, उड़द की दाल इत्यादि का दान जरूर करें। इसके साथ ही शनिमंत्र का भी जाप करें।