शनिदेव का प्रकोप कर सकता है आपको तबाह, इन उपायों की मदद से पाए उनकी कृपा दृष्टि

जैसा की कहा जाता है कि व्यक्ति को अपने कर्मों का फल इसी जन्म में मिलता हैं और इसका निर्णय करते है शनिदेव। जी हाँ, शनिदेव को कर्मफलदाता के रूप में जाना जाता है जो आपके कर्मों के अनुसार आपको फल प्रदान करते हैं। शनिदेव की कुदृष्टि व्यक्ति को तबाह कर सकती हैं। ऐसे में व्यक्ति को चाहिए कि शनिदेव को प्रसन्न करके उनकी कृपा दृष्टि पाई जाए। इसलिए आज हम आपके लिए कुछ ज्योतिषीय उपाय लेकर आए है जिनकी मदद से आप शनिदेव को प्रसन्न कर उनकी कृपा दृष्टि पा सकेंगे। तो आइये जानते है इन ज्योतिषीय उपायों के बारे में।

* जब भी घर में खाना बने तो उसमे दोनों समय खाने में काला नमक और काली मिर्च को उपयोग में लाए।

* शनिवार के दिन बंदरों को भुने हुए चने खिलाएं और मीठी रोटी पर तेल लगाकर काले कुत्ते को खिलाये इससे जीवन में खुशियां आएंगी।

* शनिवार के दिन अपने हाथ के नाप का काला धागा लेकर उसको मांझकर माला कि तरह गले में पहनें।

* आठ शनिवार तक यह प्रयोग करें शनि ढैया के शमन के लिए शुक्रवार की रात्रि में 8 सौ ग्राम काले तिल पानी में भिगो दें और शनिवार को प्रात: उन्हें पीसकर एवं गु़ड में मिलाकर 8 लड्डू बनाएं और किसी काले घो़डे को खिला दें। इस से जीवन में शुभ दिन की शुरूवात होती है।

* सुबह और शाम को पूजा करते समय महामृत्युंजय मंत्र ऊं नम: शिवाय का जाप करे इस मन्त्र के जाप से शनि के दुष्प्रभावों से मिलती मुक्ति है।

* घर के किसी अंधेरे कोने में एक लोहे की कटोरी में सरसों का तेल भरकर उसमें तांबे का सिक्का डालकर रखें।

* अगर शनिदेव की आप के जीवन में अशुभ दशा चल रही हो तो मांस-मदिरा जैसे चीजो का सेवन न करें।

* बरगद और पीपल के पे़ड के नीचे हर शनिवार सूर्योदय से पूर्व राई तेल का दीपक जलाकर शुद्ध कच्चा दूध एवं धूप अर्पित करें।

* शनि के प्रकोप से बचने के लिए प्रत्येक शनिवार को काली गाय की सेवा करे और खाने से पहले रोटी का पहला निवाला गाय को खिलाएं और सिंदूर लेकर गाय को लगाये और पूजा करे।

* हनुमान, भैरव और शनि चालीसा का पाठ करें और पीपल की सात परिRमा करें यदि शनि की साढ़ेसाती से ग्रस्त हैं और शनिवार को अंधेरा होने के बाद पीपल पर मीठा जल अर्पित कर सरसों के तेल का दीपक और अगरबत्ती जलायें।