सुख-समृद्धि और धन प्राप्ति के लिए इस तरह करे भगवान श्री कृष्ण को प्रसन्न

भगवान विष्णु जिन्होंने द्वापर युग में पाप का संहार करने के लिए भगवान श्री कृष्ण के रूप में जन्म लिया। भगवान कृष्ण हर रूप में मनमोहक लगे हैं। कृष्ण लीला की कहानिया तो आप सभी ने सुनी ही होगी। श्री कृष्ण की लीला भारतियों के मन में हमेशा से बसी रहती हैं और हर कोई अपने घर में बाल गोपाल को लाकर उनको प्रसन्न करने के प्रयास करते हैं। हिन्दू शास्त्रों के अनुसार राधा का नाम लेने से ही श्री कृष्ण प्रसन्न हो जाते हैं और व्यक्ति के लिए सुख-समृद्धि के सभी द्वार खुल जाते हैं। तो आइये हम बताते हैं आपको कि किस तरह से श्री कृष्ण को प्रसन्न किया जा सकता हैं।

* कृं कृष्णाय नम: यह स्वयं भगवान श्रीकृष्ण द्वारा बताया गया मूलमंत्र है। इसके प्रयोग से रुका हुआ धन प्राप्त होता है। इसके अलावा इस मूलमंत्र का जाप करने से घर-परिवार में सुख की वर्षा होती है।

* कृष्ण पूजा में सबसे जरूरी होता है आसन, जिसपर भगवान कृष्ण की स्थापना की जाती है। भगवान कृष्ण के लिए आसन बहुत खूबसूरत होना चाहिए। इसका रंग तेज और चमकीला, जैसे लाल, पीला, नारंगी, हो तो बेहतर रहेगा।

* सुगंधित धूप भगवान कृष्ण को बहुत प्रिय होती है, उनकी पूजा में धूप अवश्य जलाएं।

* जिस बर्तन में भगवान कृष्ण के पांव धोये जाते हैं उसे पाघ कहा जाता है। पूजा करने से पहले पाघ में स्वच्छ जल और फूलों की पंखुड़ियां डालें और उससे भगवान कृष्ण के चरणों को धोएं।

* भगवान श्रीकृष्ण को रोजाना प्रसाद चढ़ाएं, प्रसाद में घर का बना माखन और मिसरी का भोग लगाएं। यह भगवान कृष्ण को अत्यंत प्रिय है।

* चांदी, तांबे, मिट्टी या फिर अन्य किसी धातु से बने दिए में गाय का शुद्ध देसी घी डालकर श्रीकृष्ण की मूर्ति के सामने प्रज्वलित करना चाहिए।

* भगवान श्रीकृष्ण अपने गले और कलाई पर वैजयंती माला पहनते हैं। अगर आप भगवान कृष्ण को प्रसन्न कर उनसे कृपा पाना चाहते हैं तो अपने घर के मंदिर में अवश्य ही वैजयंती माला रखें।

* ऐसा कहा जाता हैं जो लोग संतान की चाहत रखते हैं उन्हें अपने घर में लड्डू गोपाल को स्थापित करना चाहिए। आपको रोजाना उन्हें नहलाना और भोग लगाना चाहिए। दो दिन में कम से एक बार अवश्य लड्डू गोपाल को नहलाएं और उनके वस्त्र बदलें, जैसे कि आप अपने बच्चे के लिए करते हैं। लड्डू गोपाल को कदापि भूखा ना रहने दें।

* ऊं श्रीं नम: श्रीकृष्णाय परिपूर्णतमाय स्वाहा : यह श्रीकृष्ण का सप्तदशाक्षर महामंत्र है। अन्य मंत्र शास्त्रीय मान्यताओं के अनुसार 108 बार जाप करने से ही सिद्ध हो जाते हैं लेकिन इस महामंत्र का पांच लाख जाप करने से ही सिद्ध होता है। इससे अटके काम पूरे होते हैं।