वर्तमान समय की जीवनशैली कुछ इस प्रकार की हो चुकी है जिसमें व्यक्ति चाहकर भी चिंतामुक्त नहीं रह सकता हैं। व्यक्ति कितनी ही कोशिश कर ले लेकिन कोई ना कोई चिंता इंसान को तनाव में डाल ही देती हैं। जिसकी वजह से बीमारियों को शरीर में जगह बनाने का समय मिल जाता हैं और इंसान का शरीर समाप्त होने लगता हैं। इसलिए जितना जल्दी हो सकें चिंता का निवारण करने में ही फायदा हैं। आज हम आपको चिंता निवारण के कुछ ज्योतिषीय उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनको अपनाकर आप चिंताओं से मुक्ति पा सकते हैं।
* जिस समय दिमाग में टेंशन हो एक लोटे में या जग में पानी लेकर उसके अन्दर चार लालमिर्च के बीज डालकर अपने ऊपर सात बार उतारा (उसारा) करने के बाद घर के बाहर सडक पर डाल दे। तुरंत आराम मिल जाएगा।
* रोज़ हनुमान जी का पूजन करे व हनुमान चालीसा का पाठ करें। प्रत्येक शनिवार को शनि को तेल चढाएं और अपनी पहनी हुई एक जोडी चप्पल किसी गरीब को एक बार दान करें।
* हर मंगलवार को हनुमान जी के चरणों में बदाना (मीठी बूंदी) चढा कर उसी प्रसाद को मंदिर के बाहर गरीबों में बांट दें।
* सिन्दूर लगे हनुमान जी की मूर्ति का सिन्दूर लेकर सीता जी के चरणों में लगाएं। फिर माता सीता से एक श्वास में अपनी कामना निवेदित कर भक्ति पूर्वक प्रणाम कर वापस आ जाएं।
* शयनकक्ष में कमरे के प्रवेश द्वार के सामने वाली दीवार के बाएं कोने पर धातु की कोई चीज लटकाकर रखें। वास्तुशास्त्र के अनुसार यह स्थान धन आने की स्थान होता है। यहां धातु का मतलब ताम्बा, सोने या चांदी से है। इससे आपको शांति मिलने लगेगी।