सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित माना जाता हैं और इस महीने में सभी भक्तगण ऐसे उपाय करते हैं जो उनको सभी चिंताओं से मुक्त करके धन-वैभव की प्राप्ति करवाए। आपको जानकार हैरानी होगी कि कुबेर देव अपने पिछले जन्म में चोर थे लेकिन एक उपाय करने की वजह से वे देवताओं के कोषाध्यक्ष बन गए। तो आइये जानते है उस उपाय के बारे में।
शास्त्रों के अनुसार प्राचीन काल में देवताओं के कोषाध्यक्ष कुबेर देव अपने पिछले जन्म में गुणनिधि नामक निर्धन व्यक्ति थे। वे एक रात भगवान शिव के मंदिर में चोरी करने पहुंच गए। रात की वजह से वहां काफी अंधेरा था। अंधेरे में उन्हें कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था। तब उन्होंने चोरी करने के लिए एक दीपक जलाया।
दीपक के प्रकाश में वह मंदिर का सामान की चोरी कर ही रहे थे कि हवा से दीपक बुझ गया। उन्होंने पुन: दीपक जलाया लेकिन वह फिर हवा से बुझ गया, यह प्रक्रिया कई बार हुई। रात के समय बार-बार दीपक जलाने से भगवान शंकर उनसे अति प्रसन्न हो गए। कुबेर देव ने चोरी करते समय बार-बार दीपक जलाकर अनजाने में ही जो शिव जी की पूजा की थी, इसके फलस्वरूप भगवान भोलेनाथ ने उन्हें अगले जन्म में देवताओं का कोषाध्यक्ष बना दिया।
शास्त्रों के अनुसार जो भी व्यक्ति रात के समय शिव मंदिर में शिवलिंग के निकट प्रकाश करता है, उसे प्रभु शंकर की विशेष कृपा प्राप्त हो जाती है। दीपक को जलाते समय भगवान भोलेनाथ के प्रिय मन्त्र "ऊँ नम: शिवाय" का लगातार जप करते रहना चाहिए।
इस उपाय को सावन के प्रत्येक दिन अथवा सावन के सोमवार की रात्रि में करने से मनुष्य पर भगवान शिव की विशेष कृपा रहती है । उसे समस्त सांसारिक सुखो की प्राप्ति होती है घोर से घोर आर्थिक संकट भी दूर होते है आने वाली पीढ़ियाँ भी धन वैभव को प्राप्त करती है।