हर व्यक्ति के जीवन में कई ख्वाहिशें होती हैं जिसमें से कई तो ऐसी होती हैं जो नामुमकिन होती हैं। लेकिन मन पर तो कोई जोर नहीं होता, ख्वाहिश तो ख्वाहिश होती हैं। ऐसी ही एक ख्वाहिश होती है विदेश यात्रा की, जो कि हर किसी के मन में होती हैं। लेकिन यह सभी की पूरी नहीं हो पाती। किसी के पास धन होने के बाद भी उसकी यह इच्छा पूरी नहीं हो पाती। इसके लिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसे ज्योतिषीय उपाय जिनको अपनाकर आप अपने विदेश यात्रा में आ रही बाधा को दूर कर सकें। तो आइये जानते हैं उन उपायों के बारे में।
* किसी भी संक्रांति के दिन, सफेद तिल और थोड़ा गुड़ लें। सूर्यास्त के समय एक मिट्टी के कुल्हड़ में डालकर उस कुल्हड़ को पीपल के एक स्वयं गिरे हुये पत्ते से ढक लें। फिर किसी आक के पौधे की जड़ में रख आएं। आते समय पीछे मुड़कर न देखें। घर में आकर स्नान जरूर कर लें। नहाने के पानी में थोड़ा सा शुद्ध केसर मिला लें।यह प्रयोग अपने गुरू का आशीर्वाद लेकर करें ताकि जल्दी सफलता मिले।
* शुक्ल पक्ष के शुक्रवार से प्रारम्भ करें। इस उपाए को करने के लिए एक लकड़ी का पाट लें और उस पर लाल वस्त्र बिछा लें। अब इस पाट पर महालक्ष्मी की मूर्ति को स्थापित करें। इसके बाद पाट के आगे एक देशी घी का दिया जला लें। इस उपाय को करते हुए यह ध्यान रखें की आप का मुख पश्चिम दिशा की ओर हो। अब एक दक्षिणावर्ती शंख लें या सामान्य शंख लें और उस पर केसर को घोलकर स्वास्तिक का चिन्ह बना लें।
* इसके अलावा शुक्ल पक्ष के मंगलवार से प्रारंभ करें और आगामी 108 दिनों तक सुंदरकांड का नियमित पाठ करें तो आपके ऊपर पड़ रहे ग्रहीय दुष्प्रभाव से आप खुद को बचा सकते हैं। नियमित तौर पर हनुमान चालीसा का पाठ भी आपको दुखों से बचा सकता है।
* प्रतिदिन हनुमानजी के मंदिर में जाकर उनसे प्रार्थना करें। हनुमान चालिसा का पाठ करें। इसके बाद हनुमान की प्रतिमा की उलटी परिक्रमा यानी घड़ी की सुइयों के विपरीत दिशा में करें। परिक्रमा ऐसे करें कि बजरंग बली की मूर्ति आपके बाएं की हाथ की ओर रहे। तीन परिक्रमा करें।