हर व्यक्ति चाहता है कि उसका जीवन सुख-शांति से व्यतीत हो ओर कभी भी उसको अपने जीवन में शनि का प्रकोप ना झेलना पड़े। इस शनि दोष से मुक्ति के लिए सावन के शनिवार से बेहतर कुछ हूँ ही नहीं सकता। क्योंकि भोलेनाथ ने ही शनिदेव का सृजन किया था और उन्हें कर्मफलदाता बनाकर उनका मार्गदर्शन किया था, इसलिए शनि उन्हें अपना गुरू मानते हैं। इसलिए जो भी भक्त सावन के शनिवार को शिव की पूजा करते हैं उन्हें शानि दोष से मुक्ति मिलती हैं। तो आइये हम बताते हैं आपको कि शनि दोष से मुक्ति के लिए क्या करना पड़ेगा आपको सावन के शनिवार को।
* तांबे के लो़टे में जल लेकर उसमें थोड़े काले तिल डालें और उस जल से शिव जी का जलाभिषेक करें।
* शनिदेव के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं, उसमें काली उड़द की साबुत दाल, थोड़े काले तिल और एक लोहे की कोई कील या अन्य वस्तु डाल दें।
* काले तिल, काला कपड़ा, उड़द की दाल किसी जरूरतमंद को दान करें। इससे शनि की कृपा मिलती है।
* शनिवार के दिन काला या गहरा नीला वस्त्र पहनना शुभ होता है। शनिदेव को नीला फूल काफी पसंद है उन्हें नीला फूल अर्पित करें।
* रुद्राक्ष की माला से शनिदेव के मंत्र का जाप करें। कम से कम एक माला करें।
* पीपल के पेड़ पर जल चढ़ा कर सात बार परिक्रमा करें। हो सके तो सरसों के तेल का दीपक जलाएं।