कई लोगों के लिए उनका व्यवसाय उनके जीवनयापन का जरिया होता हैं क्योंकि उनके घर का दाना-पानी उस व्यवसाय से ही होता हैं। और अगर व्यवसाय अच्छा नहीं चलता है या उसमें लगातार हानि होती है तो यह उस व्यक्ति और उसके परिवार वालों के जीवन पर बहुत प्रभाव डालता हैं। इसलिए जरूरी हो जाता है कि व्यवसाय में हो रही हानि को जल्दी से रोका जाए ताकि जीवन में खुशियों का संचार हों। इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसे ज्योतिषीय उपाय बताने जा रहे हैं जो व्यवसाय में हो रही हानि को रोकें।
* दुकान खोलने से पहले घर के मंदिर या दुकान के पूजाघर में लोबान की धूप लगाएं।
* शनिवार के दिन दुकान के मुख्य द्वार पर बेदाग नींबू एवं सात हरी मिर्चें लटकानी चाहिए ताकि अवांछित नजर न लगे।
* नागदमन के पौधे की जड़ लाकर इसे दुकान के बाहर लगा देना चाहिए। इससे बंधी हुई दुकान खुल जाती है ।
* दुकान के गल्ले में शुभ-मुहूर्त में श्री-फल लाल वस्त्र में लपेटकर रख देना चाहिए।
* प्रतिदिन संध्या के समय दुकान में माता लक्ष्मी के सामने शुद्ध घी का दीपक प्रज्वलित करना चाहिए।
* दुकान अथवा व्यावसायिक प्रतिष्ठान की दीवार पर शूकर-दंत इस प्रकार लगाना चाहिए कि वह दिखाई देता रहे।
* व्यापारिक प्रतिष्ठान तथा दुकान को नजर से बचाने के लिए काले-घोड़े की नाल को मुख्य द्वार की चौखट के ऊपर ठोकना चाहिए।
* दुकान में मोरपंख की झाडू लेकर निम्नलिखित मंत्र के द्वारा सभी दिशाओं में झाड़ू को घुमाकर वस्तुओं को साफ करना चाहिए। ऐसे में इस मंत्र का जाप जरूर करें - “ॐ ह्रीं ह्रीं क्रीं”
* शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी के सम्मुख मोगरे अथवा चमेली के पुष्प अर्पित करने चाहिए।
* यदि आपके व्यावसायिक प्रतिष्ठान में चूहे आदि जानवरों के बिल हों, तो उन्हें बंद करवाकर बुधवार के दिन गणपति को प्रसाद चढ़ाना चाहिए।
* सोमवार के दिन अशोक वृक्ष के अखंडित पत्ते लाकर स्वच्छ जल से धोकर दुकान अथवा व्यापारिक प्रतिष्ठान के मुख्य द्वार पर टांगना चाहिए। सूती धागे को पीसी हल्दी में रंगकर उसमें अशोक के पत्तों को बाँधकर लटकाना चाहिए ।