संतान सुख पाने के लिए करें ये ज्योतिषीय उपाय

संतान की प्राप्ति होना माता-पिता के लिए सबसे बड़ा सुख माना जाता हैं। सभी दंपत्ति की चाहत होती है कि उनके संतान हो और घर में उनकी किलकारी गूंजें। लेकिन किन्हीं कारणों से किसी को संतान-सुख की प्राप्ति नहीं हो पाती, जिसके चलते उन्हें समाज के तानों का सामना करना पड़ता है। लेकिन इसकी हताशा से बचने के लिए आज हम आपके लिए लेकर आए हैं कुछ ऐसे ज्योतिषीय उपाय जिनको अपनाकर आपको संतान का सुख प्राप्त हो सकता हैं। तो आइये जानते हैं उन ज्योतिषीय उपायों के बारे में।

* लाल किताब के अनुसार पशु सेवा से बहुत पुण्य मिलता है। आप रोज़ पशुओं को भोजन खिलाएं और रोज़ रसोईघर में बैठकर ही भोजन करें और अपने भोजन में से तीन निवाले निकालकर कुत्ते को खिलाएं। ये उपाय करने से संतान प्राप्ति में आ रही सभी प्रकार की बाधाएं दूर होंगीं।

* रात को सोते समय अपने सिरहाने जल से भरा पात्र रखें और सुबह होने पर इस जल को पेड़-पौधों में डाल दें। कुत्ते को मीठी रोटी खिलाने से भी फायदा होगा।

* जिन महिलाओं का गर्भ नहीं ठहरता या गर्भ में संतान आकर नष्ट हो जाती है। वह दंपत्ति मंगलवार को इक्कीस पान के पते लाएं। उन पर सिंदूर से राम लिखें फिर हनुमान मंदिर ले जाएं। वहां इन पत्तों को प्रभु के चरणों में रखकर विधिवत पूजन करें। इन पत्तों को उठाकर लाल कपड़े में बांध लें। पिर इसे बहते पानी में प्रवाहित करें अथवा पीपल के वृक्ष में चढा दें। इस उपाय से मनचाही संतति की प्राप्ति होगी।

* यदि किसी दम्पति को संतान की प्राप्ति नहीं हो रही है तो वह स्त्री शुक्ल पक्ष में अभिमंत्रित संतान गोपाल यंत्र को अपने घर में स्थापित करके लगातार 16 गुरुवार को ब्रत रखकर केले और पीपल के वृक्ष की सेवा करें उनमे दूध चीनी मिश्रित जल चड़ाकर धुप अगरबत्ती जलाये फिर मासिक धर्म से ठीक तेहरवीं रात्रि में अपने पति से रमण करें संतान सुख अति शीघ्र प्राप्त होगा।

* बरगद के पत्ते पर कुमकुम से स्वास्तिक बनाएं। फिर पत्ते पर चावल एवं एक सुपारी रखकर जगदंबा के मंदिर में जाकर उनके चरणों में अर्पित कर दें। माता से गोद हरी करने की भीख मांगे। इससे तत्काल संतान सुख की प्राप्ति होती है।

* संतान सुख के लिए स्त्री गेंहू के आटे की 2 मोटी लोई बनाकर उसमें भीगी चने की दाल और थोड़ी सी हल्दी मिलाकर नियमपूर्वक गाय को खिलाएं। शीघ्र ही उसकी गोद भर जाएगी।

* पानी में चावल धो लें। इसके बाद चावल निकालकर उस पानी को छान लें। नीबू की जड़ ले आएं। उसे बारीक पीसकर इस चावल की धोवन में मिला दें। इस चावल के पानी को संतान की इच्छुक स्त्री को पिला दें। इसके बाद वह स्त्री पति के साथ समागम करे। इस क्रिया से कन्यारत्न की प्राप्ति होती है।