कुछ अनुभूत सरल उपाय जो लायेंगे आपके जीवन में सुख और शांति...

ज़िंदगी की गाड़ी सही ट्रैक पर हो और अपनी सही रफ़्तार से चलती भी रहे, यह तो हर कोई चाहता है। इसके लिए वह व्यक्ति हर संभव प्रयास करता है, उसकी दिनचर्या सही हो, उसके द्वारा किए गए सभी कार्य फलित हों। बस यही उसकी इच्छा रहती है, लेकिन हमेशा ही अपेक्षाओं के आधार पर परिणाम मिलें, ऐसा जरूरी नहीं होता। इस संसार में सुख और शांति ऐसी वस्तु है जिनको निश्चित ही प्रत्येक मनुष्य प्राप्त करना चाहता है और इस हेतु वह कुछ भी देने के लिए तैयार हो जाता है। परंतु मन की पूर्ण शांति उसे फिर भी प्राप्त नहीं होती है। यहां पर कुछ अनुभूत सरल उपाय दिए जा रहे है जिनके द्वारा आप आसानी से सुख और शांति के प्राप्त कर सकते है।

* कन्या के सुखी विवाहिक जीवन के लिए विवाह के पश्चात् जब कन्या की विदाई होने वाली हो तो किसी पीले रंग के धातु के लोटे में गंगाजल लेकर, उसमें थोडी सी पिसी हल्दी मिलाएं फिर एक तांबे का सिक्का उस लोटे में डालकर कन्या के ऊपर से 7 बार उतार कर उसके आगे गिरा दें, कन्या का विवाहिक जीवन सुखमय रहेगा।

* जिस स्थान पर होली जलाई जाती रही हो, वहां पर होली जलने से एक दिन पहले की रात्री में एक मटकी में गाय का घी, तिल का तेल, गेहूं और ज्वार तथा एक ताम्बे का पैसा रखकर मटकी का मुंह बंद करके गाड़ आएं। रात्रि में जब होली जल जाए, तब दूसरे दिन सुबह उसे उखाड़ लाएं। फिर इन सब वस्तुओं को पोटली में बांधकर जिस वस्तु में रख दिया जाएगा, वह वस्तु व्यय करने पर भी उसमें निरंतर वृद्धि होती रहेगी, और आपके भंडार भरे हुए रहेंगे।

* रोज प्रातः स्नानादि से निवृत होकर एक ताॅबे के पात्र मे ताजा जल लें। उसमे 7 तुलसी के पत्ते डालकर भगवान् विष्णु की मूर्ति या तस्वीर के सम्मुख रखें और 11 बार ओम् नमो भगवते वासुदेवाय का मंत्र पढे फिर वह जल पत्ते सहित पुरे परिवार को पीने के लिए देवें।

* सफाई के साथ-साथ आप स्वयं घर के वातावरण को और सुखद बना सकते हैं। इसके लिए सुबह समय से उठकर घर की सफाई करें और बाद में स्नान कर पूजा के बाद घर में भीनी खुशबू वाली अगरबत्तियां जला दें। ध्यान रहे कि इन अगरबत्तियों की सुगंध हल्की होनी चाहिए।

* यदि कोई घड़ी रुक गई है तो उसे ठीक करवा लें, लेकिन यदि आप ठीक नहीं करवा रहे तो अच्छा होगा कि आप उसे घर से बाहर निकाल दें। बंद पड़ी घड़ी परिवार वालों के लिए बंद पड़ी किस्मत के समान काम करती है।

* रोज तीन रोटी अलग से रखे, एक गाय के लिए, एक कूत्ते के लिए तथा एक के छोटे-छोटे दानें बनाकर चिडियों को या कौओं को डालें।