जीवन का सत्य हैं मृत्य जिसे नकारा नहीं जा सकता हैं। हर व्यक्ति को कभी ना कभी मृत्यु तो आनी ही हैं। लेकिन समय से पहले मृत्य सभी के लिए कष्टकारी साबित होती हैं। इस कोरोनाकाल में लोगों को इस कहर का डर बना हुआ हैं और अकाल मृत्यु का भय सता रहा हैं। ऐसे में हम आपको ज्योतिष में बताए कुछ ऐसे उपायों की जानकारी देने जा रहे हैं जिनसे अकाल मृत्यु का योग टाला जा सकता हैं और अपनी उम्र को लंबा किया जा सकता हैं। तो आइये जानते हैं इन उपायों के बारे में।
भोलेनाथ को ऐसे करें प्रसन्न, मिलेगी कृपा
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार अगर कुंडली में अकाल मृत्यु का योग हो तो भोलेनाथ का स्मरण करना चाहिए। शिवशंकर जी के बारे में कहा जाता है कि जो महाकाल के भक्त होते हैं उनका काल भी कुछ नहीं बिगाड़ सकता। इसलिए अकाल मृत्यु का भय हो तो उसे टालने के लिए जल में तिल और शहद मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए। इसके अलावा महामृत्युंजय मंत्र और ओम नम: शिवाय मंत्र का जप करना चाहिए। ध्यान रखें कि यह उपाय प्रत्येक शनिवार को करना चाहिए। यह करते समय मन में अगाध आस्था और श्रद्धा होनी चाहिए अन्यथा इसका कोई फल नहीं मिलता।
यह उपाय भी टाल देता है अकाल मृत्यु योग
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार अगर किसी जातक की अकाल मृत्यु का भय हो तो उसके लिए मंगलवार और शनिवार को उपाय करना चाहिए। इसके लिए काले तिल और जौ का आटा तेल में गूंथकर एक मोटी रोटी पका लें। इसके बाद गुड़ और तेल में वह रोटी मिला लें फिर जिस व्यक्ति की अकाल मृत्यु की आशंका हो उसके सिर से 7 बार उतारें। इसके बाद उसे भैंस को खिला दें। मान्यता है ऐसा करने से अकाल मृत्यु का भय खत्म हो सकता है।
शनिवार को करें ये काम, टल सकती है अकाल मृत्यु
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार अकाल मृत्यु टालने के लिए न्याय के देवता शनिदेव की पूजा करनी चाहिए। इसके अलावा प्रत्येक शनिवार को शनिदेव के पूजन के अलावा लोहे की वस्तुए, शनि चालीसा, जूता-चप्पल, काले वस्त्र और सरसों के तेल का दान करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही अकाल मृत्यु का योग भी टल जाता है।
चील या कौए का यह उपाय भी कर सकते हैं
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार अगर किसी को अकाल मृत्यु का भय सता रहा हो तो गुड़ और आंटे के गुलगुले बना लें। इसके बादर उन गुलगुलों को जातक के सिर से सात बार उतारकर चील या कौए को खिला देना दें। मान्यता है कि यह उपाय जातक को अकाल मृत्यु के भय से बचाता है। लेकिन यह उपाय जातकों को मंगलवार, शनिवार या फिर रविवार को ही किया जाना चाहिए।