हिन्दू धर्म की मान्यता अनुसार किसी भी शुभ कार्य से पहले या पूजा पाठ के दौरान पान के पत्तो के जरिये भगवान का नमन करते है। स्कन्द पुराण के अनुसार देवताओ द्वारा समुद्र मंथन के समय पान के पत्तो का प्रयोग किया गया था। यही वजह है की पूजा में पान के पत्तो का इस्तेमाल का विशेष महत्व है। पान का दान करने का बहुत महत्व है, लेकिन रात के समय में पान के आगे के हिस्से पर चूना और कत्था लगाकर खाने से पाप होता है और मनुष्य को दरिद्रता भोगनी पड़ती है। तो आइये जानते है इसके बारे में.......
# पान का बीड़ा मंगलवार, शनिवार या हनुमान जयंति के दिन हनुमानजी को पान का बीड़ा अर्पित किया जाए तो सभी तरह की मनोकामना पूर्ण होती है। बीड़ा अर्पित करने का अर्थ है कि अब से हनुमानजी आपका बीड़ा उठाएंगे।
# पान का दान ताम्बूल अर्थात् पान होता है। पान का दान करने से मनुष्य पापों से छुटकारा पा जाता है, जबकि पान खाने से पाप होता है इसलिए पान दान करने से पाप नष्ट हो जाते है।
# नजरदोषपान का पत्ता नकारात्मक उर्जा को दूर करने वाला और सकारात्मक उर्जा को बढाने वाला भी माना जाता है इसलिए नजर लगे व्यक्ति को पान में गुलाब की सात पंखुड़ियां रखकर खिलाए।
# बिक्री बढ़ाने का उपाययदि आपको ऐसा लगता है कि किसी ने तांत्रिक क्रिया करके आपकी दुकान बांध दी है तो आप शनिवार प्रात: पांच पीपल के पत्ते और 8 पान के साबूत डंडीदार पत्ते लेकर उन्हें एक ही धागे मेंमें पिरोकर दुकान में पूर्व की ओर बांध दें। ऐसा कम से कम पांच शनिवार करें। पुराने पत्तों को किसी नदी या कुएं में प्रवाहित करे दें। इस उपाय से आपकी बिक्री बढ़ेगी।