पढाई के साथ-साथ इन ज्योतिषीय उपायों की मदद से पाए परीक्षा में सफलता

बच्चों की खिलखिलाहट से घर का माहौल खुशनुमा होता हैं और घर जीवंत हो उठता हैं। हांलाकि वर्तमान दिनों में बच्चों का खेलना और चिल्लाना थोडा कम हो गया हैं, क्योंकि परीक्षाओं का समय चल रहा हैं और सभी बच्चे परीक्षा में सफलता पाने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं। बच्चों की मेहनत के साथ उनके परिवारजनों को भी कुछ उपाय करने की जरूरत होती हैं ताकि उनके बच्चों की मेहनत रंग लाये और परीक्षा में सफलता की प्राप्ति हो। तो आइये हम बताते हैं आपको परीक्षा में सफलता पाने के ज्योतिषीय उपाय।

* परीक्षा का संबंध स्मरणशक्ति से है, जो बुध की देन है। बुध को मजबूत करने के लिए खूब सलाद और हरी सब्जियाँ खाएँ। गणेश जी के दर्शन करें। गाय को हरी घास खिलाएँ।

* हमेशा पड़ाई प्रारंभ करते समय अपने इष्ट देव का ध्यान करते हुए कॉपी किताबों को अपने मस्तक से लगाकर पड़ाई शुरू करें, यही प्रक्रिया पड़ाई को समाप्त करते समय भी दोहराएँ।

* पड़ने का सर्वोतम समय ब्रह्म मुहूर्त अर्थात सुबह के 4 बजे का माना गया है उस काल में पड़ाई करते समय हमें कई गुना ज्यादा और तेजी से अपना पाठ याद होता है इसलिए पड़ने वाले छात्रों को सुबह सवेरे पड़ाई की आदत अवश्य ही डालनी चाहिए।

* परीक्षा भवन में मानसिक संतुलन का कारक है चंद्रमा! चंद्रमा का मजबूत होना आत्मविश्वास बढ़ाता है। सफेद वस्तु का सेवन करने से, दान करने से, शिव के दर्शन व शिव चालीसा पढ़ने से, कनिष्ठा ऊँगली में चाँदी का छल्ला पहनने से तथा चाँदी के गिलास में पानी पीने से चंद्र मजबूत होता है।

* पड़ते समय छात्र का मुंह सदैव ईशान कोण ( उत्तर पूर्व ) की तरफ ही होना चाहिए इसलिए उसकी मेज इस तरह से हो की उसका मुंह ईशान कोण की तरफ ही रहे।

* इमली के ताजे पत्ते ब्रहस्पति वार को अपनी किताबों में रखने से भी विधार्थी की बुद्धि तीव्र होती है।

* मोर का पंख अपने पास रखने से विधार्थी का अपने स्कूल कालेज में सम्मान बड़ता है।

* परीक्षा भवन में जाने से पहले ‘गुरु ग्रह गए पढ़न रघुराई। अल्पकाल विद्या सब आई।’ चौपाई का 108 बार जाप करने से सफलता मिलती है।