Nirjala Ekadashi 2020 : चावल के अलावा इन 5 चीजों का भी ना करें एकादशी पर सेवन

आज ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी हैं जिसे निर्जला एकादशी के रूप में जाना जाता हैं। सभी एकादशी में इस एकादशी का महत्व सबसे ज्यादा माना जाता हैं और आज के दिन रखा गया व्रत-उपवास सभी एकादशी का फल प्राप्त करवाता हैं। यह तो आप सभी जानते हैं कि एकादशी के दिन चावल नहीं खाया जाता हैं। लेकिन चावल के अलावा भी कई ऐसे आहार हैं जिनका सेवन एकादशी के दिन वर्जित माना गया हैं और इनकी वजह से दिक्कतों का सामना भी करना पड़ता हैं। तो आइये जानते हैं इन चीजों के बारे में।

लहसुन-प्‍याज
ग्रंथों के अनुसार न‍िर्जला एकादशी के द‍िन लहसुन-प्‍याज भी खाना वर्जित है। इन्‍हें तमोगुण वर्धक माना गया है। ये काम के भाव को भी बढ़ाते हैं। शास्‍त्रों में इसे राक्षसी भोजन कहा गया है। इनकी उत्‍पत्ति राहु नामक एक राक्षस के रक्‍त से हुई है, इसलिए इनमें तीक्ष्‍ण गंध है। ये उत्‍तेजना, क्रोध, हिंसा और अशांति पैदा करते हैं। इसलिए व्रत के पारण के प्‍याज-लहसुन के पाने का प्रयोग भूलकर भी न करें।

मीठा पान

ग्रंथों के अनुसार निर्जला एकादशी के द‍िन व्रती या फिर उसके घर के सदस्‍यों को मीठा पान नहीं खाना चाहिए। इसका कारण यह है क‍ि भगवान विष्णु की पूजा में मीठा पान चढ़ाया जाता है। क्‍योंक‍ि यह भगवान को अर्पित किया जाता है इसलिए इस दिन मीठा पान खाना भी वर्जित है।

साग और मूली

ग्रंथों के अनुसार निर्जला एकादशी के द‍िन गलती से भी कभी साग और मूली का सेवन नहीं करना चाहिए। चूंक‍ि यह दोनों भूमि के नीचे पाए जाते हैं। इन्‍हें अशुद्ध माना जाता है। इन्‍हें खाने से जीवन में द‍िक्‍कतों का सामना करना पड़ सकता है। यही वजह है क‍ि व्रती को या पर‍िवार के अन्‍य सदस्‍यों को मूली और साग नहीं खाना चाहिए।

मसूर दाल

ग्रंथों के अनुसार एकादशी के द‍िन भूले से भी मसूर दाल का सेवन नहीं करना चाहिए। क्‍योंक‍ि मसूर की दाल को अशुद्ध माना जाता है। इसलिए व्रत के पारण में या जो व्‍यक्ति यह व्रत न भी कर रहे हों तो उन्‍हें भी निर्जला एकादशी के द‍िन मसूर का सेवन नहीं करना चाहिए।

सेम

ग्रंथों के अनुसार न‍िर्जला एकादशी के द‍िन सेम का सेवन नहीं करना चाहिए। मान्‍यता है क‍ि इस द‍िन सेम का सेवन करने से संतान को हान‍ि होती है। इसलिए व्रती के पर‍िवार के सभी सदस्‍यों को इस दिन सेम नहीं खानी चाहिए। साथ ही व्रती को पारण के द‍िन इसका भूल से भी सेवन नहीं करना चाहिए। अन्‍यथा संतान संबंधी कई तरह के दु:खों का सामना करना पड़ सकता है।