अँधेरी चा राजा मंडल का गणेशोत्सव पूरे देश में जाना जाता हैं। हर साल यहाँ नई थीम होती हैं। इस साल थेउर का चिंतामणि मंदिर की थीम राखी गई हैं।
थेउर को गणपति संप्रदाय के लोगो का तीर्थस्थल माना जाता है और मंदिर की वर्तमान संरचना का निर्माण भी गणपति संप्रदाय संत मोर्य गोसावी और उनके वंशज धर्माधर ने करवाया था। लेकिन मंदिर के निर्माण की पुख्ता जानकारी किसी के पास उपलब्ध नही है।
अपने निवास स्थान चिंचवड और मोरगांव जाते समय मोर्य गोसावी अक्सर इस मंदिर के दर्शन के लिए आते थे। पूर्ण चन्द्रमा वाली रात के हर चौथे दिन मोर्य थेउर मंदिर के दर्शन के लिए आया करते थे। कहानी के अनुसार, गुरु के आदेशो पर ही मोर्य ने थेउर में 42 दिनों का कड़ा उपवास कर तपस्या की थी। कहा जाता है की इस समय उनके शरीर का संबंध दिव्य रहस्योद्घाटन से हो चूका था। माना जाता है की भगवान गणेश उनके सामने शेर के रूप में प्रकट हुए और उन्होंने मोर्य को सिद्धि प्रदान की।