Ganesh Chaturthi 2018 : 'अँधेरी चा राजा' साल 2017 थीम : बल्लालेश्वर मंदिर, पाली

पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाए जाने वाला गणेशोत्सव का असली मजा अँधेरी चा राजा मंडल के साथ देखने को मिलता हैं। साल 2017 में गणेशोत्सव पर यहाँ बल्लालेश्वर मंदिर, पाली की थीम राखी गई थी।

मुंबई पुणे मार्ग पर एक गावं है जिसे पाली के नाम से जाना जाता है। मान्यता है की यही बल्लालेश्वर का निवास है। भगवान बल्लालेश्वर की यह मूर्ति बड़ी ही मनमोहक है जिसे देखने के बाद भक्त मंत्र मुग्ध हो जाते हैं। यहां वैसे तो हर दिन भक्तो का तांता लगा रहता है लेकिन विशेष तौर पर बुधवार और चतुर्थी के दिन यहां हजारो भक्त अपनी मनोकामना के साथ भगवान गणेश के बल्लालेश्वर स्वरुप का दर्शन करने आते हैं।

बल्लालेश्वर यह एक प्राचीन मूर्ति है माना जाता है की यह पाषाण युग से है। इस मूर्ति को किसी ने नही बनाया था यह मूर्ति जमींन के अंदर से प्राप्त हुआ था। बल्लालेश्वर की यह मूर्ति 3 फिट ऊँची है और सूंड बाई ओऱ की तरफ है। भगवान की इस प्रतिमा में आँखों और नाभि में चमकदार हीरे जड़े हैं। भगवान गणेश की यह प्रतिमा ब्राम्हण की पोशाक रहते हैं।

ऐसी मान्यता है की एक बल्ला नाम के भक्त से भगवान गणेश इतने खुश हुए की वहीं एक मूर्ति में विराज मान हो गए और तब से उन्हें पाली के राजा बल्लालेश्वर के नाम से जाना जाने लगा। इस मंदिर में आज भी भक्त बड़ी आस्था के साथ यहां आते है और मंदिर के बाहर बने दो कुण्ड में नहने के बाद भगवान से अपनी मुरादे मांगते है। और निश्चित ही भगवान अपने भक्तो की सदैव सुनते हैं शायद इसीलिए भक्त अपने बप्पा को पाली का राजा भी कह कर बुलाते है।