Ganesh Chaturthi 2018 : 'अँधेरी चा राजा' साल 2014 थीम : मैसूर का महल

साल 2014 में अँधेरी चा राजा ने अपनी अनोखी छवी प्रकट करते हुए मैसूर के महल कू थीम के तौर पर काम में लिया। मैसूर का महल भारत में अपने प्रकार का सबसे बड़ा महल है और यह अत्यंत भव्य महलों में से एक है।

यह महल अपनी भव्यता के कारण ब्रिटेन के बकिंघम पैलेस के साथ तुलना में शुमार किया जाता है। मद्रास राज्य के ब्रिटिश परामर्श दाता वास्तुकार हेनरी इरविन ने इसे डिजाइन किया। इस महल का निर्माण पुराने लकड़ी के महल के स्थान पर 1912 में वोडेयार के 24वें राजा द्वारा कराया गया था, जो वर्ष 1897 में टूट गया था।

अब इस महल को संग्रहालय में बदल दिया गया है, जिसमें स्मृति चिन्ह, तस्वीरें, आभूषण, शाही परिधान और अन्य सामान रखे गए हैं, एक समय जो वोडेयार शासकों के पास होते थे। ऐसा कहा जाता है कि महल में सोने के आभूषणों का सबसे बड़ा संग्रह प्रदर्शित किया गया है।

शाही हाथी का सोने का हौज़, दरबार हॉल और कल्याण मंडप यहां के मुख्य आकर्षण हैं। महल में प्रवेश का रास्ता एक सुंदर दीर्घा से होकर गुजरता है जिसमें भारतीय तथा यूरोपीय शिल्पकला और सजावटी वस्तुएं हैं। हाथी द्वार इसकी आधी दूरी पर है, जो महल के केन्द्र का मुख्य प्रवेश द्वार है। इस प्रवेश द्वार को फूलों की डिज़ाइन से सजाया गया है और इस पर दो सिरों वाले बाज का मैसूर का शाही प्रतीक बना हुआ है। इस प्रवेश द्वार के उत्तर में शाही हाथी हौज प्रदर्शित किया गया है जो 24 कैरिट स्वर्ण के 84 किलो ग्राम से बना है।