चाहते हैं जीवन की परेशानियों का अंत, भाद्रपद अमावस्या पर आजमाए ये उपाय

चंद्रमा की सोलहवीं कला को अमावस्या कहते हैं। ज्योतिष शास्त्र में अमावस्या को विशेष तिथि माना गया है। आने वाली 26 और 27 अगस्त दोनों दिन भाद्रपद अमावस्या मनाई जानी हैं। भाद्रपद अमावस्या में स्नान, दान और श्राद्ध करने से पुण्य मिलता है और पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। मान्यता है कि इस दिन किए जाने वाले तमाम तरह के टोटके और उपाय शीघ्र ही शुभ फल देते हैं। ऐसे में आज हम आपके लिए कुछ ऐसे उपाय लेकर आए हैं जिन्हें भाद्रपद अमावस्या पर किया जाए तो आपकी कई परेशानियों का अंत होने के साथ ही मनोकामनाओं की पूर्ती होगी। आइये जानते हैं इन उपायों के बारे में...

मनोकामना पूर्ति के लिए


इस दिन काली चींटियों को शकर मिला हुआ आटा खिलाएं। ऐसा करने से आपके पाप-कर्मों का क्षय होगा और पुण्य-कर्म उदय होंगे। यही पुण्य-कर्म आपकी मनोकामना पूर्ति में सहायक होंगे।

सकारात्मकता के लिए

घर में हर अमावस्‍या अथवा हर 15 दिन में पानी में खड़ा नमक यानी करीब एक लीटर पानी में 50 ग्राम खड़ा नमक डालकर पोंछा लगाएं। इससे नेगेटिव एनर्जी चली जाएगी अथवा खड़ा नमक के स्थान पर गौझरण अर्क भी डाल सकते हैं। कहते हैं कि अमावस्या के दिन जो वृक्ष, लता आदि को काटता है अथवा उनका एक पत्ता भी तोड़ता है, उसे ब्रह्महत्या का पाप लगता है।

रोजगार प्राप्ति के लिए


बेरोजगार व्यक्ति अगर अमावस्या की रात ये उपाय करें तो निश्चित ही उसे रोजगार प्राप्त होगा। इसके लिए 1 नींबू को साफ करके सुबह से ही अपने घर के मंदिर में रख दें। फिर रात के समय इसे 7 बार बेरोजगार व्यक्ति के सिर से उतार लें और 4 बराबर भागों में काट लें। फिर एक चौराहे पर जाकर चारों दिशाओं में इसको फेंक दें। इस उपाय से बेरोजगार व्यक्ति को लाभ की संभावना बनेगी।

दान का महत्व


अमावस्या के दिन स्नान-दान का अत्यधिक महत्व है। आज के दिन अन्न, वस्त्र, गौ और यदि सामर्थ्य हो तो स्वर्ण के दान का अत्यधिक शुभ फल मिलता है। अमावस्या के दिन गरीब और भूखे व्यक्तियों को भोजन कराने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और दुख व कष्ट दूर होते हैं।

मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए

शाम के समय घर के ईशान कोण में गाय के घी का दीपक लगाएं। बत्ती में रूई के स्थान पर लाल रंग के धागे का उपयोग करें। साथ ही दीये में थोड़ी-सी केसर भी डाल दें। यह मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने का उपाय है।

कालसर्प दोष दूर करने के लिए


कालसर्प दोष को दूर करने के लिए अमावस्या के दिन स्नान-ध्यान करके किसी योग्य पंडित के माध्यम से विधि-विधान से पूजा कराएं। कालसर्प दोष को दूर करने के लिए चांदी के नाग-नागिन की पूजा करें और उसे बहते हुए जल में प्रवाहित करें।

शत्रुबाधा दूर करने के लिए


अमावस्या की रात्रि अगर आप काले कुत्ते को तेल चुपड़ी रोटी खिलाते हैं और उसी समय वह कुत्ता यह रोटी खा लेता है तो इस उपाय से आपके सभी दुश्मन उसी समय से शांत होना शुरू हो जाएंगे।