आज हैं आमलकी एकादशी का व्रत, जानें मुहूर्त, विधि और नियम

आज 25 मार्च, गुरुवार को फाल्गुन शुक्ल पक्ष की एकादशी हैं जिसे आमलकी एकादशी या आंवला एकादशी के रूप में मनाया जाता हैं। यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता हैं और इसी के साथ ही आज आंवले की पूजा करने का भी विशेष महत्व होता हैं। आमलकी एकादशी के दिन किया गया व्रत पुण्य की प्राप्ति करवाते हुए मोक्ष की ओर लेकर जाता हैं। आज इस कड़ी में हम आपको आमलकी एकादशी व्रत के मुहूर्त, व्रत विधि और नियम की जानकारी देने जा रहे हैं ताकि आप इसका उचित लाभ ले सकें। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।

आमलकी एकादशी व्रत मुहूर्त

फाल्गुन एकादशी तिथि 24 मार्च को सुबह 10 बजकर 23 मिनट से प्रारंभ हो चुकी है जबकि इस तिथि का समापन 25 मार्च को 09 सुबह 47 मिनट पर होगा। एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि में किया जाता है। व्रत पारण का समय 26 मार्च को सुबह 06:18 बजे से 08:21 बजे तक है।

आमलकी एकादशी व्रत विधि

- प्रातः जल्दी उठकर स्नान करें।
- भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए व्रत करने का संकल्प लें।
- भगवान विष्णु की पूजा करें। उनके समक्ष घी का दीपक जलाएं।
- भगवान विष्णु को आंवला प्रसाद स्वरूप अर्पित करें।
- पूजा के बाद आंवले के पेड़ के नीचे नवरत्न युक्त कलश स्थापित करें।
- आंवले के पेड़ पर धूप, दीप, रोली, चंदन, अक्षत, फूल आदि से पूजन करें।
- पूजन के बाद किसी जरूरतमंद व्यक्ति या ब्राह्मण को भोजन कराएं।
- अगले दिन द्वादशी को स्नान कर भगवान विष्णु का फिर से पूजन करें।
- गरीबों को कलश, कुछ वस्त्र और आंवला का दान दें।
- इसके बाद शुभ मुहूर्त में अपना व्रत खोलें।

आमलकी एकादशी का धार्मिक महत्व

धार्मिक मान्यता के अनुसार, फाल्गुन शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है। मान्यता है कि सृष्टि की रचना के समय भगवान विष्णु ने आंवले को पेड़ के रूप में प्रतिष्ठित किया था। इसलिए आंवले के पेड़ में ईश्वर का स्थान माना गया है। आमलकी एकादशी के दिन आंवले के वृक्ष के नीचे बैठकर भगवान विष्णु का पूजन किया जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को रखने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।

एकादशी के दिन क्या करें और क्या न करें

एकादशी के दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए। सात्विकता भोजन ग्रहण करना चाहिए। इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए और किसी के प्रति अपशब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। मांस-मदिरा के सेवन से दूर रहना चाहिए।

एकादशी के दिन करें ये काम

शास्त्रों के नियमानुसार, एकादशी के दिन दान करना उत्तम माना जाता है। संभव हो तो गंगा स्नान करना चाहिए। विवाह संबंधी बाधाओं को दूर करने के लिए एकादशी के दिन केसर, केला या हल्दी का दान करना चाहिए।