अक्षय तृतीया पर ध्यान रखें ये 8 बातें, वरना रूठ जाएंगी माता लक्ष्मी

हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया मनाया जाता है। इस अक्षय तृतीया को आखा तीज के नाम से भी जाना जाता है। यह दिन सालभर की शुभ तिथियों की श्रेणी में आता है। ये दिन त्रेता युग का आरंभ भी माना जाता है। इस साल अक्षय तृतीया 3 मई दिन मंगलवार को है। इस दिन का विशेष महत्व है। इस दिन मां लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाती हैं। अक्षय तृतीया के दिन सोना-चांदी या फिर कोई अन्य धातु की वस्तुएं खरीदने की परंपरा है। इसके पीछे मान्यता है कि इनको खरीदकर घर लाने से माता लक्ष्मी का घर में वास होता है। इस दिन आई माता लक्ष्मी या धन-सं​पत्ति अक्षय होता है, उसमें कभी कमी या क्षय नहीं होता है। अक्षय तृतीया के दिन आपको कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना होता है, नहीं तो माता लक्ष्मी आप से नाराज हो सकती हैं। इससे आपको धन हानि या आर्थिक तंगहाली का सामना करना पड़ सकता है। तो आइए जानते है कि किन बातों के ध्यान रखना बेहद जरुरी है...

- अक्षय तृतीया के अवसर पर सोना, चांदी या इसके आभूषण खरीदकर घर जरूर लाना चाहिए। ऐसा करने से घर में माता लक्ष्मी आती हैं, जिससे उनकी कृपा बनी रहती है।

- अक्षय तृतीया पर आप सोना या चांदी नहीं खरीद सकते हैं, तो अपनी राशि के अनुसार शुभ धातु की खरीदारी कर सकते हैं। इससे भी माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।

- अक्षय तृतीया वाले दिन आप सोना, चांदी या धातु नहीं खरीद सकते हैं तो जौ खरीद सकते हैं। य​ह आपके जीवन में सुख, समृद्धि एवं सौभाग्य प्रदान करेगा।

- आज के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने की परंपरा है। भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की भी पूजा करें। इससे आप पर माता लक्ष्मी अतिप्रसन्न होंगी। आपकी आ​र्थिक स्थिति बेहतर होगी।

- अक्षय तृतीया पर माता लक्ष्मी की पूजा में भूलवश भी तुलसी का उपयोग न करें, इससे माता लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं।

- अक्षय तृतीया का दिन अक्षय धन संपदा यानी लक्ष्मी प्राप्ति के लिए है, तो आप इस दिन अपने घर की तिजोरी या लॉकर को गंदा न रखें। उसकी साफ सफाई करें। माता लक्ष्मी का वास होगा।

- अक्षय तृतीया के दिन घर के किसी कोने में अंधेरा ना रहने दें। घर के जिन हिस्सों में अंधेरा रहता है वहां दीया जरूर जलाएं।

- अक्षय तृतीया के दिन ब्रह्मचर्य नियम का पालन करना चाहिए। इस दिन तामसिक चीजों से दूर रहें। लहसुन-प्याज खाने से परहेज करें। केवल सात्विक आहार का ही सेवन करें। किसी के प्रति मन में बुरे विचार या क्रोध की भावना ना लाएं।