इनको देखने भर से ही बन जातें है आप पाप के भागीदार, भोगना पड़ता है दुःख!

ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार गलत काम करने से ही पाप नहीं लगता बल्कि पापी व्यक्ति को देखने से भी महापाप का दुख भोगना पड़ता है। जिसका बुरा परिणाम न केवल इस जन्म में बल्कि परलोक और अगले जन्म में भी दुख भोगना पड़ता है।

# ईमानदार व्यक्ति के प्रति झूठी गवाही देने वाला पापी होता है, ऐसे पापी से किसी भी तरह का मेलजोल रखने वाला भी महापाप का भागी होता है।

# अपने पति के अतिरिक्त किसी अन्य व्यक्ति से संबंध बनाने वाली महिला की तरफ देखना भी महापाप है।

# क्रोधी व्यक्ति से दूरी बना कर रखनी चाहिए क्योंकि कभी भी उसका गुस्सा सातवें आसमान पर चढ़ सकता है। उसके अपशब्द बोलने से आपका भी पारा चढ़ सकता है, बदले में आप भी गलत शब्दों का प्रयोग करके पाप के भागीदार बनेंगे।

# देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को तोड़ने वाला प्रचण्ड नर्क का वासी बनता है। उनसे किसी भी तरह का संबंध रखने वाला भी नर्कगामी होता है।

# जिस व्यक्ति की अजीविका का साधन चोरी हो उसके साथ किसी तरह का कोई संबंध न रखें। यह स्वयं तो पाप के भागी बनते ही हैं, दूसरे को भी महापाप की राह पर ले जाते हैं। ऐसे लोगों को देखते ही आंखें फेर लें।

# व‌िधवा और रजस्वला स्त्री से जो पुरुष संबंध बनाता है, वह स्वयं तो घोर पाप करता ही है, साथ ही जो व्यक्ति उसके संपर्क में होते हैं उन्हें भी नरक भोगना पड़ता है।

# जो ब्राह्मण ब्याज का उद्योग करता है, वह पापी होता है, उसे देखने पर भी पाप लगता है।

# पीपल पर दैवीय शक्तियां वास करती हैं। उसे काटने वाला महापापी होता है, ऐसे व्यक्ति को देखते ही आंखें मोड़ लें।

# देवी-देवताओं और भक्तों के प्रति गुण-दोष की व्याख्या करने वाला घोर नरक भोगता है। ऐसे लोगों को कभी भी प्रणाम नहीं करना चाहिए। उनसे दूरी बनाकर रखें।

# जो लोग घर आए मेहमान कोे धोखा देते हैं, उन्हें देखने वाला भी पाप का अधिकारी बनता है। सनातन संस्कृति के अनुसार घर आया मेहमान भगवान का रूप होता है। मेहमान के साथ छल करने से भगवान के प्रति कपट करना है।