व्यक्ति के जीवन में अच्छे संस्कारों का बड़ा महत्व होता हैं जिनकी वजह से जीवन में व्यक्ति को ख्याति प्राप्त होती हैं। और यह संस्कारों की शुरुआत होती है व्यक्ति के बचपन से ही जहां उसे जीवन से जुडी कई बातें बताई जाती हैं। इन्हीं चीजों के साथ व्यक्ति को कर्म पुराण में बताई गई बातें भी बतानी जरूरी हैं जिसमें कुछ लोगों और चीजों का महत्व बताया गया है और उनकी ओर पाँव नहीं करके बैठना बताया गया हैं। ताकि इन चीजों का सम्मान व्यक्ति बचपन से ही करने लग जाये और जीवन में उन्नति की ओर गतिशील हो।
* देवता देवता सदैव पूजनीय हैं, जान-बूझकर इनके मंदिर की दिशा की ओर पैर नहीं करना चाहिए, इससे इनका अपमान होता है।
* गुरु गुरु ही समाज को सही दिशा दिखाता है। इसलिए जहां गुरु बैठे हों, उस दिशा में पैर फैलाकर नहीं बैठना चाहिए।
* ब्राह्मण ऋग्वेद के अनुसार ब्राह्मणों की उत्पत्ति भगवान विष्णु के मुख से हुई है। इसलिए इनकी ओर भी पैर नहीं करना चाहिए।
* गाय ग्रंथों के अनुसार, गाय में सभी देवताओं का वास माना गया है। इसलिए गाय की ओर भी पैर नहीं करना चाहिए।
* अग्निअग्नि को देवताओं का मुख कहा गया है, इसलिए जिस स्थान पर अग्नि जल रही हो, उस ओर पैर नहीं फैलाना चाहिए।
* विप्र ग्रंथों के अनुसार, वेदों की पढ़ाई करने वाले ब्राह्मण बालक को विप्र कहते हैं। इनकी ओर भी पैर नहीं करने चाहिए।
* सूर्य सूर्य पंचदेवताओं में से एक है। पूजा-पाठ आदि में सूर्य की पूजा भी की जाती है, इसलिए सूर्य की ओर पैर नहीं करना चाहिए।
* चंद्रमा चंद्रमा वनस्पतियों के स्वामी हैं। इन्हें प्रत्यक्ष देवता भी कहा जाता है। इसलिए चंद्रमा की ओर भी पैर करना चाहिए।