सावन विशेष : अब प्रेम पत्र छोड़ कर, बेलपत्र पर ध्यान दे

जैसा की हम सब जानते है 4 जुलाई 2017 को देवशयनी ग्यारस थी, और सभी देवता सो चुके है। तो अब अगले 3-4 महीने तक कोई भी शुभ कार्य या मांगलिक कार्य नहीं संपन्न किये जायेंगे। लेकिन निराश न होइए क्योंकि 10 जुलाई 2017 से शुरू होने जा रहा भगवान शिव का प्रिय माह सावन इस बार बेहद खास होगा।दरअसल इस बार सावन माह में पांच सोमवार हैं। ये पवित्र माह सोमवार से ही शुरू होगा और सोमवार को ही इसका समापन (7 अगस्त 2017) भी होगा। ये खास योग कई वर्षों के बाद ही बना है। हिन्दू परिवारों में सावन को बेहद पवित्र और महत्वपूर्ण महीने के तौर पर देखा जाता है।आइये जानते है की नवयुवक एवं युवतियों के लिए ये महीना अधिक महत्वपूर्ण क्यों होता होता है।

1.अविवाहित नवयुवक एवं युवतियां अपने लिए सही वर वधु पाने के लिए शिव जी की पूजा करते है और सोमवार के व्रत करते है।अपने लिए एक अच्छे वर वधु की कामना करते हुए वे पूर्ण विधि-विधान से शिव जी के 16 सोमवार का व्रत रखती हैं।

2.व्रत के साथ वे शिव जी की पूर्ण नियमों के साथ पूजा भी करते हैं। और ऐसी मान्यता है कि भक्तों के भोले भगवान शंकर उन्हें वरदान भी देते हैं। एक अच्छे वर के अलावा एक महिला का पति उससे प्रेम करे और अच्छा बर्ताव करे, इसके लिए भी महिलाएं सोमवार का व्रत रखती हैं।

3.इसके साथ ही पति-पत्नी का वैवाहिक जीवन सफल बना रहे, इसके लिए महिलाएं शिव तथा माता पार्वती जी की एक साथ पूजा करती हैं। हिन्दू मान्यताओं में दुनिया की सबसे श्रेष्ठ जोड़ी का श्रेय भगवान शिव एवं पार्वती जी को दिया गया है।

4.ऐसी मान्यता प्रसिद्ध है कि इन दोनों के प्रेम तथा स्नेह वाली जोड़ी पूरी दुनिया में और किसी की नहीं है। इसलिए भक्त अपने अच्छे विवाहित जीवन के लिए शिव एवं पार्वती की विधिपूर्वक पूजा करते हैं।