वैदिक ज्योतिष में शनि को न्यायप्रिय, कर्मफल देने वाला और धीमी गति से चलने वाला ग्रह कहा गया है। यही वजह है कि शनि को एक राशि से दूसरी राशि में जाने में कई वर्ष लगते हैं। वर्तमान में शनि गुरु की मीन राशि में गोचर कर रहे हैं और वर्ष 2026 में भी उनकी स्थिति इसी राशि में बनी रहेगी। शनि की साढ़ेसाती को जीवन में संघर्षों और महत्वपूर्ण परीक्षाओं का समय माना गया है। जिन जातकों पर इसका प्रभाव पड़ता है, उन्हें मानसिक, आर्थिक और सामाजिक स्तर पर अधिक सतर्क रहने की सलाह दी जाती है। आइए जानते हैं वर्ष 2026 में किन राशियों पर शनि का दबदबा और साढ़ेसाती का असर बना रहेगा।
शनि की साढ़ेसाती: आखिर क्या है यह अवधि?जब शनि ग्रह किसी व्यक्ति की जन्म राशि से पहले 12वें भाव में प्रवेश करता है और फिर क्रम से 1st और 2nd भाव में पहुँचता है, तब साढ़ेसाती का आरंभ होता है। यह पूरी अवधि लगभग 7 वर्ष 6 महीने की होती है। इसे तीन चरणों में बांटा जाता है और हर एक चरण करीब ढाई साल का होता है। ज्योतिष के अनुसार, प्रत्येक चरण जातक के जीवन में अलग-अलग प्रकार की चुनौतियाँ और अवसर लाता है।
2026 में शनि की पकड़ में रहेंगी ये राशियाँक्योंकि शनि 2026 में पूरे वर्ष मीन राशि में ही रहेंगे, इसलिए इस स्थिति का सीधा असर कुछ खास राशियों पर दिखाई देगा। शनि के इस गोचर से मेष, मीन और कुंभ राशियों पर साढ़ेसाती का प्रभाव जारी रहेगा। वहीं सिंह और धनु राशियों के जातकों पर ढैया का दबाव महसूस होगा।
मेष राशि – साढ़ेसाती का पहला चरणमेष राशि वालों के लिए यह समय शुरुआती साढ़ेसाती का होगा। मानसिक दबाव, काम की अधिक जिम्मेदारियाँ और जीवन में अनुशासन की आवश्यकता प्रमुख रूप से बढ़ सकती है।
मीन राशि – साढ़ेसाती का दूसरा चरणमीन राशि के जातक मध्य चरण में होंगे। यह चरण अक्सर जीवन में सबसे ज्यादा चुनौतियाँ और जिम्मेदारियाँ लेकर आता है, लेकिन मेहनत का फल भी इसी समय मिल सकता है।
कुंभ राशि – साढ़ेसाती का अंतिम चरणकुंभ राशि पर साढ़ेसाती का तृतीय चरण चलेगा। यह अवधि पुराने कार्यों को समाप्त करने, कर्ज या झंझटों से मुक्ति पाने और जीवन में धीरे-धीरे सुधार आने जैसी परिस्थितियाँ पैदा कर सकती है।
सिंह और धनु राशियों पर रहेगा ढैया का प्रभावइन दोनों राशियों के लिए शनि की ढैया कुछ बाधाएँ और सावधानी की स्थिति ला सकती है। कामकाज में रुकावटें और मानसिक उतार-चढ़ाव महसूस हो सकता है।
शनि के शुभ फल पाने के उपायज्योतिष के अनुसार, कुछ सरल उपाय शनि के प्रभाव को संतुलित करने में सहायक माने जाते हैं—
- शनिवार के दिन सरसों का तेल दान करें
- हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करें
- काले तिल को दान करना शुभ माना जाता है
- शिव चालीसा का श्रद्धा से पाठ करें
- जरूरतमंद को कंबल दान करें
- शनि चालीसा का पाठ करना लाभकारी
डिस्क्लेमर: यह लेख धार्मिक मान्यताओं और पंचांग आधारित जानकारी पर आधारित है। किसी विशेष निर्णय या अनुष्ठान से पहले योग्य पंडित या ज्योतिषी से परामर्श अवश्य लें।