शास्त्रों और पुराणों में कुछ पेड़ों के काटने की साफ मनाही है उनमें से पीपल का स्थान सबसे पहले है। क्याे आप जानते हैं आखिर क्यों पीपल को काटना पापा माना गया है-
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार पीपल को विष्णु का वरदान मिला है कि जो कोई शनिवार को पीपल की पूजा करेगा, उस पर लक्ष्मी की कृपा रहेगी। वहीं कोई भी पीपल का अपमान या इसको काटने की सोचेगा भी तो उसके घर की सुख-समृद्धि नष्ट होने लगेगी।
कहते हैं पीपल की पूजा से शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है। अगर कोई पीपल के वृक्ष को नुकसान पहुंचाता है, तो उसे शनि का कोप झेलना पड़ सकता है। संभवतया लोग पीपल को काटने से बचते हैं।
शास्त्रों में तो यहां तक कहा गया है कि अगर कोई पीपल को कटते हुए देखता भी है, तो उसे भी शनिदोष लगता है। इससे मुक्ति के लिए पीपल की पूजा और दान आदि का विधान बताया गया है। पीपल सबसे ज्यादा ऑक्सीजन छोड़ने वाला पेड है। इसको काटने से पर्यावरण को सबसे ज्यानदा नुकसान होता है। इसलिए भी पीपल को काटने की मनाही है।