नवग्रहों की शांति के सटीक उपाय

सौर मण्डल के ग्रहों का सभी प्राणियों पर राशि चक्र के अनुसार अच्छा बुरा प्रभाव निरंतर पड़ता रहता है। जन्म लग्न, दशा महादशा, अंतर्दशा तथा प्रत्यंतरों का प्रभाव अवश्य फल दिखाता है। नाम राशि के अनुसार भी गोचर के ग्रह अपना प्रभाव दैनन्दिनी के अनुसार दिखाते हैं।

1. सूर्य को प्रसन्न करने लिए शिक्षित लोगों को आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ अवश्य करना चाहिए। माता-पिता की सेवा तथा सूर्य को अर्घ, जल में रोली तथा लाल पुष्प डालकर देना चाहिए।

2. चंद्रमा को प्रसन्न करने के लिए भगवान चंद्रमोजिशिव का "ऊँ नमः शिवाय" मंत्र का जप करें। पानी वाला नारियल, सफेद चंदन तथा चांदी का चंद्रमा, विल्बपत्र, सफेद मिष्ठान का भगवान शंकर को भोग लगावें।

3. मंगल की प्रसन्नार्थ श्रीहनुमान भगवान को चमेली का तेल सिंदूर, शुद्ध घी में चोला चढ़ाएं तथा मंगल स्तोत्र का पाठ करें, इमरती, जलेवी बूंदी तथा चूरमे का प्रसाद अर्पण करें।

4. बुध ग्रह की प्रसन्नता के लिए भगवती दुर्गा की पूजार्चना करनी चाहिए। किन्नरों की सेवा करनी चाहिए। हरे मूंग भिगोकर पक्षियों को दाना डालें। पालक या हरा चारा गायों को खिलाएं।

5. ब्रस्पति ग्रह की प्रसन्नता के लिए चने की दाल तथा केशर का मंदिर में दान करें, केशर का तिलक मस्तक पर लगाएं एवं ज्ञानवर्द्धक पुस्तकों का योग्य व्यक्तियों को दान करें।

6. शुक्र ग्रह की अनुकम्पा प्राप्त करने के लिए कनकधारा महालक्ष्मी का दैनिक पाठ करना चाहिए। वस्त्र स्वच्छ पहनने चाहिए तथा पत्नी का सम्मान करना चाहिए।

7. शनि ग्रह की प्रसन्नतार्थ पीपल तथा भैरव का पूजन करें इमरती उड़द की दाल, दही बड़े, भैरव जी को चढ़ावें व बांटे। मजदूरों को तला हुआ सामान बांटे। शनिवार का व्रत करें।

8. राहू की प्रसन्नता के लिए माता सरस्वती का पाठ-पूजन करना चाहिए, रसोई में बने हुए भोजन का प्रातः जलपान करें। पूर्णतया शाकाहारी रहना चाहिए।

9. केतु ग्रह की अनुकूलता के लिए भगवान श्रीगणेश जी का पूजार्चन करना चाहिए। बच्चों को केले तथा कुत्तों को तेल लगाकर रोटी खिलानी चाहिए। कुत्तों को चोट भी न मारें।
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