शनि के अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए पक्षियों को दाना चुगाना, अपनी छाया (परछाई) देख कर शनिवार के दिन तेल का दान करना, महामृत्युंजय मन्त्र का शुद्ध उच्चारण के साथ जाप करना, शनि स्तोत्र का पाठ करना, प्रत्येक शनिवार को उपवास करके हनुमान जी की उपासना करना उपयुक्त माना गया है।
लाल चन्दन की अभिमन्त्रित माला धारण करने, श्रवण नक्षत्र में शनिवार के दिन काले रंग के धागे में शमी की अभिमन्त्रित जड़ धारण करने, शनि से सम्बन्धित वस्तुएं यथा तेल, लोहा, काले तिल, कुलथी या काली मसूर की दाल, काला जूता, कस्तूरी, नीलम रत्न आदि दान करने से भी शनि के अशुभ प्रभाव में कमी आती है। शनि से सम्बन्धित लघु मंत्र
ओम प्रां प्रीं प्रौं स: शनये नम का निरन्तर पूर्ण श्रद्धाभाव से जाप करते रहने से शनि प्रसन्न होते हैं और जातक के दु:ख व कष्टों का निराकरण होने लगता है।