अजीब चमत्कार: इस समुद्र में देखने को मिलता हैं एक ही जगह पर दो रंग का पानी
By: Ankur Wed, 23 Oct 2019 09:39:45
यह दुनिया कई रहस्यों और चमत्कारों से भरी हैं और इनमें से कुछ चीजें तो आज भी वैज्ञानिकों के लिए मुश्किल बनी हुई हैं। ऐसा ही एक अनोखा चमत्कार देखने को मिलता हैं अलास्का की खाड़ी में जहां पर हिन्द महासागर और प्रशांत महासागर मिलते हैं लेकिन उनका पानी आपस में नहीं मिल पाटा हैं। दोनों महासागर का पानी का रंग अलग-अलग साफ़ देखा जा सकता है। तो आइये जानते हैं इस अनोखे चमत्कार के बारे में।
इन महासागरों पर हुए कई बार के गहन शोध के बात वैज्ञानिकों ने इस बात का पता लगा लिया है कि आखिर रंग के इस अंतर और पानी के आपस में न मिलने के पीछे का कारण क्या है। ग्लेशियर से निकलने वाले पानी का रंग नीला और महासागरों से आने वाला पानी गहरा नीला होता है। इसलिये ये अंतर आसानी से देखा जा सकता है। दोनों महासागरों के पानी के आपस में मिक्स न होने के पीछे का कारण खारे और मीठे पानी का घनत्व, तापमान, और लवणता है।
कुछ लोगों का मानना ये भी है कि जब विभिन्न घनत्व वाले पानी में सूर्य की किरणें पड़ती हैं तो पानी का रंग बदलता है। इस वजह से दोनों सागरों के मिलने पर अलग-अलग रंग दिखायी देते हैं, जिसकी वजह से ऐसा लगता है कि दोनों का पानी आपस में मिक्स नहीं हो रहा है। इसके अलावा ये भी माना जाता है कि ग्लेशियर से बने सागर का पानी मीठा और समुद्र का पानी खारा होता है और जब ये दोनों महासागर मिलते हैं तो इस अंतर के कारण झाग की एक दीवार बन जाती है और अलग-अलग घनत्व के कारण ये दोनों सागरों का पानी आपस में मिल नहीं पाता।
यह नजारा देखने में जरूर अजीब या अचंभित करने वाला लगता हो लेकिन असल में वैज्ञानिक खोज से पहले भी पानी के आपस में ना मिलने के कारण के पीछे कई तरह की मान्यताएं थीं। कुछ लोग इसे चमत्कार तो कुछ इसे धार्मिक मान्यताओं से जोड़ कर भी देखते थे। कुछ का मानना यह है कि पानी के आपस में न मिलने का संबंध पानी के वर्टिकल स्तरीकरण से होता है। लोग हमेशा कहते हैं कि मेल हमेशा ही खूबसूरत होता है लेकिन जिन लोगों ने इन दो महासागरों के न मिलने की घटना को अपनी आंखों से देखा है वह जानते हैं कि यह कहावत हर जगह फिट नहीं बैठती।