18 साल के छात्र ने अपने पिता के लिए तलाशा मीठे का सस्ता विकल्प, 2 करोड़ रुपए का मिला पुरस्कार
By: Priyanka Maheshwari Wed, 16 Oct 2019 12:17:19
अपने डायबिटिक पिता के लिए 18 साल के जेवियर लारागौती ने मीठे का विकल्प ढूंढ लिया है। मेक्सिको सिटी के एक कॉलेज से केमिकल इंजिनियरिंग की पढ़ाई कर रहे इस छात्र ने अपने पिता के लिए मीठे का सुरक्षित और सस्ता विकल्प की तलाश कर ली है। इसके लिए जेवियर ने जायलिटोल से काम शुरू किया। यह कई सब्जियों और फलों में पाया जाने वाला मीठा अल्कोहल है। इसका इस्तेमाल च्युइंग गम व बच्चों की दवाओं में होता है, लेकिन इसके दुष्प्रभाव भी होते हैं। जेवियर ने बताया 'दुष्प्रभावों के बावजूद इसके मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए कई लाभ भी हैं और इसका स्वाद भी चीनी जैसा ही है। इसके साथ समस्या यह थी कि इसे निकालना काफी महंगा था। इसलिए मैंने इसे आम लोगों को उपलब्ध कराने के लिए इसे निकालने का सस्ता तरीका तलाशने का फैसला किया।'
जेवियर ने भुट्टे के दाने निकालने के बाद बचे हुए हिस्से का ईंधन के तौर पर इस्तेमाल करके जायलिटोल निकालने का सस्ता तरीका इजात किया और उसे पेटेंट भी करा लिया। जेवियर को इस आविष्कार के बाद करीब दो करोड़ रुपए का पुरस्कार भी मिला है, क्योंकि सस्ता जायलिटोल मिलने के बाद ऐसे अनेक उत्पादों में इसका इस्तेमाल संभव हो सकेगा, जहां पर अभी तक चीनी का इस्तेमाल हो रहा था। पुरस्कार की राशि का इस्तेमाल कर जेवियर जायलिटोल के उत्पादन को 10 गुना करने जा रहा है। वह कहता है कि उसके इस प्रोजेक्ट से अब उसके पिता चीनी वाले उत्पादों से दूर रह सकते हैं, इसलिए वे बहुत खुश हैं।
जेवियर ने बताया कि 'उसके पिता ने स्टीविया और इसी तरह के अन्य उपलब्ध विकल्पों का इस्तेमाल किया पर उन्हें इनका स्वाद पसंद नहीं आया और वे छुपकर मीठे का सेवन करते रहे'। इस वजह से बार-बार बार उनका ग्लूकोज लेवल भी बढ़ता रहता था। मीठे के लगभग सभी उपलब्ध विकल्पों को उसके पिता द्वारा नकार दिए जाने के बाद उसके सामने कोई नया विकल्प पेश करने की चुनौती थी।