दुनिया में कहीं भी हर्ड इम्यूनिटी की स्थिति नहीं, वैक्सीन ही एकमात्र विकल्प: WHO

By: Pinki Wed, 19 Aug 2020 10:03:08

दुनिया में कहीं भी हर्ड इम्यूनिटी की स्थिति नहीं, वैक्सीन ही एकमात्र विकल्प: WHO

कोरोना महामारी से अभी तक 2.21 करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं, जबकि 7.9 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा तबाही अमेरिका, ब्राजील और तीसरे नंबर पर भारत में हुई है। अमेरिका में 5,481,557 लोग और ब्राजील में 3,407,354 लोग इस महामारी के चपेट में आ चुके है। अमेरिका में 1.71 लाख संक्रमितों की जान गई है और ब्राजील में कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा 1 लाख को पार कर गया है। अमेरिका की 6 यूनिवर्सिटी में 200 से ज्यादा स्टूडेंट्स संक्रमित पाए गए हैं। यूएसए के पांच राज्यों के स्कूलों के 2000 से ज्यादा बच्चों को क्वारैंटाइन किया गया है। यूनिवर्सिटी ऑफ आयोवा में सबसे ज्यादा 175 स्टूडेंट संक्रमित मिले हैं। दूसरे नंबर पर यूनिवर्सिटी ऑफ नोट्रेडेम है, जिसके 80 से ज्यादा स्टूडेंट्स की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। जॉर्जिया के चेरोकी काउंटी स्कूल के सबसे ज्यादा 1100 बच्चों को क्वारैंटाइन किया गया है। अमेरिका में 3 अगस्त को स्कूल और कॉलेज दोबारा खोलने की इजाजत दी गई थी।

दुनिया में कहीं भी हर्ड इम्यूनिटी की स्थिति नहीं

कोरोना वायरस महामारी को लेकर कई देश दावा कर रहे है कि वहां संक्रमण के कारण लोगों में हर्ड इम्यूनिटी (सामूहिक रोग प्रतिरोधक क्षमता) का विकास हो गया है। लेकिन, मंगलवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इन सभी दावों को खारिज करते हुए कहा कि फिलहाल दुनिया के किसी देश में भी कोरोना संक्रमण (Coronavirus) के खिलाफ हर्ड इम्यूनिटी (Herd immunity) उत्पन्न नहीं हुई है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के कुछ रिसर्चर्स ने पहले दावा किया था कि ब्रिटेन में लोगों के बीच हर्ड इम्यूनिटी विकसित हो रही है। पहले ऑक्सफोर्ड की स्टडी में दावा किया गया था कि ब्रिटेन के लोगों में आम सर्दी-जुकाम जैसे मौसमी संक्रमण की वजह से पहले ही सामूहिक तौर पर हर्ड इम्यूनिटी का स्तर इतना है कि वे घातक कोरोना वायरस के फिर से पनपने पर उसका सामना कर सकते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, सिर्फ अकेले अमेरिका में कोरोना संक्रमण के मामले एक करोड़ 15 लाख तक पहुंचने की आंशका है और इतना ही नहीं इस दौरान चार लाख लोगों की मौत की आशंका भी है।

संगठन से स्पष्ट कर दिया कि हालत अब भी बुरे हैं और कोई भी देश ऐसा नहीं, जहां हर्ड इम्यूनिटी उत्पन्न होने जैसी स्थिति नज़र आई हो। इसके आलावा WHO ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि 20 से लेकर 40 साल के युवा कोरोना का संक्रमण दुनिया भर में फैला रहे हैं, उन्हें सतर्कता बरतने की जरूरत है।

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वैक्सीन के जरिए ही पाई जा सकती है हर्ड इम्यूनिटी

हालांकि डब्लूएचओ ने कहा कि हर्ड इम्यूनिटी विशेष तौर पर वैक्सीनेशन के माध्यम से हासिल की जाती है। अधिकतर वैज्ञानिकों का मानना है कि वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कम से कम 70 प्रतिशत आबादी में घातक वायरस को शिकस्त देने वाली एंटीबॉडीज होनी चाहिए। लेकिन, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि अगर आधी आबादी में भी कोरोना वायरस से लड़ने वाली रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) हो तो एक रक्षात्मक प्रभाव उत्पन्न हो सकता है।

हर्ड इम्यूनिटी नहीं अब सिर्फ वैक्सीन का सहारा WHO के आपातकालीन मामलों के प्रमुख डॉक्टर माइकल रेयान ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में इस सिद्धांत को खारिज करते हुए कहा कि हमें हर्ड इम्यूनिटी हासिल करने की उम्मीद में नहीं रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि वैश्विक आबादी के रूप में, अभी हम उस स्थिति के कहीं आसपास भी नहीं हैं जो वायरस के प्रसार को रोकने के लिए जरूरी है।

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हर्ड इम्यूनिटी कोई समाधान नहीं

उन्होंने आगे कहा कि हर्ड इम्यूनिटी कोई समाधान नहीं है और न ही यह ऐसा कोई समाधान है जिसकी तरफ हमें देखना चाहिए। आज तक हुए अधिकतर अध्ययनों में यही बात सामने आई है कि केवल 10 से 20% आबादी में ही संबंधित एंटीबॉडीज हैं, जो लोगों को हर्ड इम्यूनिटी पैदा करने में सहायक हो सकते हैं। लेकिन, इतनी कम एंटीबॉडीज की दर से हर्ड इम्यूनिटी को नहीं पाया जा सकता। डब्ल्यूएचओ महानिदेशक के वरिष्ठ सलाहकार डॉ। ब्रूस एलवार्ड ने कहा कि किसी कोरोना वायरस वैक्सीन के साथ व्यापक वैक्सीनेशन का उद्देश्य विश्व की 50% से काफी अधिक आबादी को इसके दायरे में लाने का होगा।

हर्ड इम्‍यूनिटी क्‍या है? कैसे होती है हासिल?

आपको बता दे, हर्ड इम्‍यूनिटी किसी मेडिकल प्रक्रिया का नाम नहीं। अगर कोई संक्रामक बीमारी फैली है तो हर्ड इम्‍यूनिटी वो अवस्‍था होती है जब आबादी का एक निश्चित हिस्‍सा उस बीमारी के प्रति इम्‍यून हो जाता है। यानी बाकी आबादी में वायरस नहीं फैलता। आमतौर पर हर्ड इम्‍यूनिटी शब्‍द वैक्‍सीनेशन के संदर्भ में यूज किया जाता है। मगर हर्ड इम्‍यूनिटी तब भी हासिल हो सकती है जबकि पर्याप्‍त संख्‍या में लोग इन्‍फेक्‍ट होने के बाद इम्‍यून हुए हों। कोरोना से हर्ड इम्‍यूनिटी का दरअसल यही मतलब है। इसके मुताबिक, अगर एक निश्चित आबादी इम्‍यून हो जाए तो वो लोग किसी और को इन्‍फेक्‍ट नहीं कर पाएंगे। इससे कम्‍युनिटी ट्रांसमिशन की चेन टूट जाएगी।

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