हाथरस गैंगरेप / ADG की सफाई, जबरन नहीं किया गया अंतिम संस्कार, शव खराब हो रहा था, परिजनों ने दी थी सहमति

By: Pinki Wed, 30 Sept 2020 7:03:08

हाथरस गैंगरेप / ADG की सफाई, जबरन नहीं किया गया अंतिम संस्कार, शव खराब हो रहा था, परिजनों ने दी थी सहमति

हाथरस गैंगरेप पीड़िता के देर रात जबरन अंतिम संस्कार को लेकर पुलिस पर उठ रहे सवालों पर उत्तर प्रदेश के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा कि परिजनों की सहमति से ही पीड़िता का अंतिम संस्कार किया गया। उन्होंने कहा कि देर होने से शव खराब भी हो रहा था। अंतिम संस्कार के वक्त पीड़िता के परिवारवाले भी मौजूद थे। बता दें कि रात के अंधेरे में पीड़िता का गुपचुप अंतिम संस्कार को लेकर विरोध हो रहा है और इस मामले में पुलिस सवालों के घेरे में है। विपक्षी दल राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमलावर है और यूपी में जंगलराज का आरोप लगा रही है।

एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा कि पीड़िता के अंतिम संस्कार को लेकर जिला प्रशासन ने ट्वीट किया था कि उसका अंतिम संस्कार परिवारवालों की मौजूदगी और उनकी सहमति से किया गया। उन्होंने कहा कि पीड़िता की मृत्यु 29 सितंबर की सुबह हुई थी और पोस्टमार्टम के बाद डेडबॉडी खराब हो रही थी। इसी को ध्यान में रखते हुए स्थानीय प्रशासन ने परिवार की सहमति से पीड़िता का अंतिम संस्कार किया।

एडीजी ने कहा, 'इस पूरे प्रकरण की जांच के लिए शासन ने उच्चस्तरीय कमिटी का गठन किया है जिसका नेतृत्व गृह सचिव भगवान स्वरूप कर रहे हैं। उनकी सहायता के लिए एक डीआईजी स्तर का अधिकारी और एक एसपी स्तर की महिला अधिकारी लगाई गई हैं ताकि अगर स्थानीय पुलिस के द्वारा कोई चूक हुई है तो उस चीजों को अंगित करें। '

एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा कि अगर शव का अंतिम संस्कार करने में किसी तरह की जोर जबर्दस्ती की गई है तो इस मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी की टीम इस मामले में पीड़िता के परिजनों का बयान लेगी और जांच करेगी।

उन्होंने कहा कि हो सकता है कि रात को अंतिम संस्कार को लेकर परिवार की महिलाओं को कोई आपत्ति हो, लेकिन डेड बॉडी खराब हो रही थी। प्रशांत कुमार ने कहा कि समाज में कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने इस मामले में जबर्दस्ती नहीं की है, अगर डेडबॉडी रह जाती तो उसमें ऐसा क्या बदलाव हो जाता?

डीएम बोले- पिता और भाई ने दी थी सहमति

इससे पहले हाथरस के डीएम ने भी कहा था कि परिवार की सहमति के बिना अंतिम संस्कार के आरोप पूरी तरह से गलत है। पिता और भाई ने रात में ही अंतिम संस्कार के लिए सहमति दी थी। परिवार के सदस्य भी अंतिम संस्कार के वक्त मौजूद थे। पीड़िता का शव लाने वाली गाड़ी गांव में 12:45 से 2:30 बजे तक खड़ी रही थी।

क्या पीड़िता का जीभ कटी थी?

इस सवाल पर एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा कि पुलिस को पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है, रिपोर्ट आने के बाद इसे मीडिया के साथ साझा किया जाएगा। हालांकि उन्होंने कहा कि जब पीड़िता सफदरजंग अस्पताल शिफ्ट किया जा रहा था तो उस वक्त के मेडिकल रिपोर्ट में ऐसी कोई बात नहीं थी। उन्होंने कहा कि 22 सितंबर को पीड़िता ने पहली बार गैंगरेप की बात की थी, इसके बाद पुलिस इसकी जांच में जुट गई। उन्होंने कहा कि फॉरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ही यौन हमले की पुष्टि हो सकेगी।

क्या आरोपी और पीड़िता के परिवार के बीच तनाव था?

इस बाबत एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा कि ये बात सही है कि दोनों परिवारों के बीच बीतें सालों में टकराव हुआ था। ये मामला 2001 का है तब कई धाराओं में मारपीट का केस दर्ज किया गया था। 2015 में दोनों पार्टियों ने इस मामले में समझौता कर लिया था इसके बाद सभी आरोपी जेल से बाहर आ गए थे।

बता दे, गैंगरेप की घटना को लेकर पुलिस पर पहले से ही लापरवाही के आरोप लग रहे थे फिर देर रात पीड़िता के अंतिम संस्कार से पूरे देश में उबाल है। पूरे देश में जगह-जगह घटना को लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं। विपक्ष ने सीएम योगी आदित्यनाथ से इस्तीफे देने की गुहार लगाई है।

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