गाड़ी चलाते समय मोबाइल पर बात करना मना हो ऐसा कोई कानून नहीं : केरल हाई कोर्ट
By: Priyanka Maheshwari Thu, 17 May 2018 4:16:27
केरल हाई कोर्ट के डिविजन बेंच के जस्टिस एएम शफीक और जस्टिस पी सोमराजन ने यह फैसला दिया है कि गाड़ी चलाते समय मोबाइल पर बात करने से ऐक्सिडेंट होते हैं या इससे किसी को खतरा है, यह बात इसलिए नहीं कही जा सकती है क्योंकि इसको लेकर कोई कानून नहीं है। केरल संतोष एमजे की तरफ से बेंच के सामने इस संबंध में पीआईएल दाखिल की गई थी।
दरहसल, याचिकाकर्ता पिछले साल 26 अप्रैल की शाम को गाड़ी चला रहा था। उसी दौरान वह मोबाइल फोन पर बात भी कर रहा था। उसे तभी पकड़ा गया था। सिंगल बेंच ने पाया कि गाड़ी चलाते समय मोबाइल फोन पर बात करना मोटर वाहन अधिनियम के सेक्शन 118 (ई) में अपराध है। इसके बाद मामला डिविजनल बेंच के सामने आया क्योंकि सिंगल बेंच ने 2012 के अब्दुल लतीफ बनाम केरल राज्य मामले में जस्टिस एसएस सतीशचंद्रन के आदेश के विपरीत फैसला दिया था।
2012 के फैसले में जस्टिस सतीश चंद्र ने कहा था कि ऐक्ट के सेक्शन 118 (ई) में कहीं भी यह बात नहीं है कि गाड़ी चलाते समय मोबाइल फोन पर बात करना अपराध है। उन्होंने कहा कि इस ऐक्ट के सेक्शन 184 में कहा गया है कि गाड़ी चलाते समय फोन पर बात करना खतरनाक है। सेक्शन 118 ई में आने वाले अपराध दंडनीय हैं जिसमें तीन साल तक की जेल या 10,000 रुपये जुर्माने या दोनों का प्रावधान है। वहीं सेक्शन 184 में छह महीने तक की जेल या 1,000 रुपये जुर्माना या दोनों हो सकता है।
दो सिंगल बेंच के अलग-अलग आदेशों को लेकर डिविजन बेंच ने सुनवाई की। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के एम नारायण नामबियर बनाम केरल राज्य का रिफरेंस लेते हुए कहा कहा कि अगर कोई गाड़ी चलाते समय मोबाइल फोन पर बात करता है तो उस पर 118 ई सेक्शन की धारा नहीं लगेगी। बेंच ने जस्टिस सतीशचंद्रन के आदेश को सही माना।