सरकार का 'यूटर्न', गृह मंत्रालय ने वापस लिया पैरामिलिट्री कैंटीन में सिर्फ स्वदेशी सामान बेचने का आदेश
By: Pinki Mon, 01 June 2020 6:49:40
गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) ने सोमवार को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) की कैंटीन में सिर्फ स्वदेशी सामान बेचने के आदेश को वापस ले लिया है। दरअसल, देश में बने उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए देशभर की पैरामिलिट्री कैंटीन से 1000 से अधिक उत्पादों की बैन करने का फैसला लिया गया था। जिसके बाद जांच में पाया गया कि इस सूची के ज्यादातर आइटम भारतीय है। इससे पहले सोमवार को गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया था कि जो सामान स्वदेशी नहीं हैं या जिन्हें पूरी तरह से आयातित उत्पादों से बनाया जाता है, उन्हें पैरामिलिट्री कैंटीन में नहीं बेचा जाएगा। गृह मंत्रालय के सूत्रों ने यह जानकारी दी है।
MHA has withdrawn the order of de-listing products from Police canteens which was issued on 29th May, revised order with updated list of products will be released soon: MHA sources https://t.co/3nzRdwHSVD
— ANI (@ANI) June 1, 2020
ये सामान हुए थे बैन
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने साफ कहा था कि केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार (KPKB) की कैंटीनों में अब केवल मेड इन इंडिया सामान ही बेचे जाएंगे। इसके अलावा, फेरेरो रोशेर, रेड बुल, विक्टोरिनोक्स, सफिलो (पोलरॉइड कैमरा) जैसे उत्पादों का आयात करने वाली सात कंपनियों को डी-लिस्ट कर दिया गया है। केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार कैंटीन ने कई कंपनियों के उत्पादों को भी लेने से इनकार कर दिया है। दरअसल इन कंपनियों से कुछ जरूरी जानकारी मांगी गई थी जिसे इन्होंने तय समय तक नहीं दिया। KPKB ने सभी उत्पादों को तीन श्रेणियों में बांट दिया था। हालांकि मंत्रालय ने अब इस आदेश को वापस ले लिया है।
गृह मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया था कि भारत सरकार स्वदेशी सामान केवल KPKB भंडारों के माध्यम से ही बेचा जाएगा। बता दें कि पैरामिलिट्री कैंटीन की बिक्री सालाना लगभग 2,800 करोड़ रुपये है। केंद्रीय पुलिस कैंटीन का इस्तेमाल केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी), राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) और असम राइफल्स में सेवारत लगभग 10 लाख कर्मियों के लगभग 50 लाख परिवार के सदस्य करते हैं। केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार में केवल श्रेणी 1 और श्रेणी 2 के अंतर्गत आने वाले सामान को रखा जाएगा। जबकि श्रेणी 3 में आने वाले सामान को 1 जून से हटा दिया जाएगा और उनकी बिक्री 1 जून से ही बंद कर दी जाएगी। जो भी कंपनियां श्रेणी 3 के अंतर्गत आती हैं उनके उत्पादों को 1 जून से ही कैंटीन में बेचने पर रोक होगी। गृह मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि केपीकेबी की कैंटीन में केवल स्वदेशी सामान ही बेचे जाएंगे।
ऐसा है कैंटीन का ढांचा
केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की कैंटीन के तहत पूरे देश में 1,700 से अधिक केंद्रीय पुलिस कैंटीन (सीपीसी) का संचालन होता है। इसमें किराना का सामान, कपड़े, उपहार सामग्री और वाहन एवं अन्य सामानों की बिक्री होती है। सीएपीएफ की कैंटीन में सालाना करीब 2,800 करोड़ रुपये का व्यवसाय होता है। इन कैंटीनों के जरिए सेना के करीब 10 लाख कर्मियों के परिवारों को सामानों की बिक्री की जाती है। सीएपीएफ में सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी और एसएसबी के अलावा एनएसजी भी शामिल है। वर्ष 2006 में कैंटीन के इस नेटवर्क की स्थापना हुई थी। बलों की तैनाती वाले विभिन्न स्थानों पर 119 से ज्यादा मास्टर कैंटीन और 1,625 सहायक कैंटीन हैं।