पहली बार कोरोना वायरस की वैक्सीन लगवाने वाली महिला को मिलेंगे सिर्फ इतने रुपये, कहा - मुझे लोगों की चिंता
By: Pinki Thu, 19 Mar 2020 3:23:19
वाशिंगटन हेल्थ रिसर्च इंस्टीट्यूट ने कोरोना वायरस के वैक्सीन ट्रायल के लिए 45 लोगों को चुना है। जिन पर कोरोना वायरस की वैक्सीन का पहला ट्रायल चल रहा है। इन 45 लोगों की टीम में शामिल एक महिला शामिल है। महिला ने वैक्सीन लगवाने के अपने अनुभवों को साझा किया है। 43 साल की जेनिफर पहली महिला हैं, जो कोरोना वायरस के वैक्सीन ट्रायल में पहला इंजेक्शन लगवाने को तैयार हुईं। जेनिफर वाशिंगटन के सिएटल में रहती हैं। उनके दो बच्चे हैं। जेनिफर ने बताया कि पहली बार उन्होंने दो हफ्ते पहले वैक्सीन के ट्रायल को लेकर खबर सुनी। उन्हें पता चला कि वाशिंगटन हेल्थ रिसर्च इंस्टीट्यूट वैक्सीन के पहले ट्रायल के लिए स्वयंसेवकों की तलाश में है, जो स्वेच्छा से इस काम के लिए राजी हों।
जेनिफर ने बताया है कि पहली बार इसको लेकर जानकारी उन्हें अपने दोस्त के एक फेसबुक पोस्ट से मिली। जेनिफर ने बताया कि उन्होंने तुरंत ऑनलाइन फॉर्म भर दिया। इसके दूसरे दिन उन्हें एक फोन कॉल आया, जिसमें उन्हें उनकी हेल्थ हिस्ट्री को रिव्यू करने के लिए बुलाया गया था। जिसके बाद कई टेस्ट किए गए और उन सभी टेस्ट को मैंने पास कर लिया था। दूसरे दिन उन्हें फिजिकल एग्जामिनेशन के लिए बुलाया गया। मेरे खून के नमूने लिए गए और सेहत के बारे में और पूछताछ की गई। सब तरह से आश्वस्त होने के बाद सोमवार को जेनिफर को बताया गया कि उन्हें ट्रॉयल के तौर पर कोरोना वायरस के वैक्सीन का पहला इंजेक्शन दिया जाएगा। जेनिफर ने बताया है कि ट्रायल के लिए पैसे भी दिए जा रहे हैं। लेकिन वह पैसों के लिए ट्रायल करवाने को तैयार नहीं हुई थीं। वो स्वेच्छा से इसके लिए तैयार हुई थीं। जेनिफर ने कहा मुझे 45 पन्नों के एक करारनामे पर हस्ताक्षर करने पड़े। ऐसा इसलिए किया जा रहा था क्योंकि इसके पहले किसी इंसान पर इस वैक्सीन का ट्रायल नहीं हुआ था। किसी को इसके होने वाले असर की जानकारी नहीं थी। ट्रायल के करारनामे के मुताबिक वैक्सीन लेने वाले हर स्वयंसेवी को हर स्टडी के लिए 100 डॉलर यानी करीब 7400 रुपये दिए जाएंगे। अगर कोई स्वयंसेवी सभी स्टडी को पूरा करता है तो उसे करीब 1100 डॉलर मिलेंगे।
हालाकि, पैसे मिलने पर जेनिफर का कहना है कि यह रकम बहुत मामूली है और वह पैसे के लिए ये काम नहीं कर रही। उन्होंने कहा मैं पैसों के लिए वैक्सीन लगवाने को तैयार नहीं हुई। जेनिफर ने बताया कि उन्हें और उनके परिवार के पास इतने संसाधन हैं कि हम आने वाली किसी परिस्थिति का सामना कर सकते हैं। मुझे उन अमेरिकियों की चिंता है, जो हमारी तरह संपन्न नहीं हैं।
जेनिफर एक टेक कंपनी में ऑपरेशंस मैनेजर हैं। जेनिफर ने बताया कि जहां तक मेरी समझ है ये लोग मर्स या सार्स जैसी बीमारियों की तरह प्रयोग कर रहे हैं। खराब से खराब हालात में भी कुछ न कुछ अच्छा होगा। जेनिफर ने बताया कि वो पॉजिटिव पर्सन हैं और मैं बिल्कुल भी डरी हुई नहीं हूं।