दशहरा जैसा त्योहार सिर्फ मनोरंजन का स्रोत नहीं होना चाहिए : नरेंद्र मोदी
By: Priyanka Maheshwari Sat, 30 Sept 2017 11:19:03
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विजयदशमी के मौके पर शनिवार को कहा कि दशहरा जैसा त्योहार सिर्फ मनोरंजन का स्रोत नहीं होना चाहिए, बल्कि यह हमें इस बात की प्रेरणा देता है कि हम समाज और राष्ट्र के लिए कुछ करने का संकल्प लें। उन्होंने नागरिकों से आग्रह किया कि विजयदशमी के इस दिन 2022 तक राष्ट्र निर्माण के लिए कुछ रचनात्मक तरीके से योगदान करने के लिए एक संकल्प लें, जब भारत अपनी आजादी के 75 साल मना रहा होगा।
मोदी ने रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतलों को जलाने से पहले लाल किले के श्री धार्मिक राम लीला में सभा को संबोधित करते हुए कहा, "दशहरा जैसे त्योहार को सिर्फ मनोरंजन के स्रोत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि इसे कुछ करने की एक महत्वाकांक्षी और संकल्प बनाना चाहिए।"
मोदी ने कहा, "हमारे त्योहार खेती, नदियों, पहाड़ों, इतिहास और हमारी सांस्कृतिक परंपराओं के साथ जुड़े हुए हैं। वे सामाजिक प्रशिक्षण के साधन हैं, क्योंकि वे सामाजिक संबंधों और संवेदनशीलता को बढ़ाते हैं, सामाजिक मूल्यों को जीवित रखते हैं और लगातार बुराई को हराने के लिए प्रयास करने के बारे में बताते हैं। "
मोदी ने कहा कि हजारों वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन भगवान राम और भगवान कृष्ण की शिक्षा आज भी मानवता को प्रेरणा देती है।
उन्होंने कहा कि लंका पर विजय प्राप्त करने के लिए भगवान राम ने मानव से लेकर पशुओं तक समाज के हर वर्ग को संगठित किया था। लंका के राजा रावण ने राम की पत्नी सीता का अपहरण कर लिया था।
उन्होंने कहा, "रावण को जलाना परंपरा का एक हिस्सा है, लेकिन एक नागरिक के रूप में हमें समाज में बुराई (रावण प्रवृत्ति) की लकीर को खत्म करने का प्रयास करना होगा।"
मोदी ने कहा, "रावण को पराजित करने के बाद, भगवान राम ने विनम्रता से समाज की सेवा जारी रखी थी। आज हम एक भारतीय नागरिक के रूप में 2022 तक हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों का भारत बनाने में सकारात्मक योगदान दें। आईए हम भी भगवान राम की तरह संकल्प लें।"