इस वजह से दिल्ली पर हमेशा बना रहता है भूकंप का खतरा
By: Pinki Fri, 29 May 2020 10:58:00
राजधानी दिल्ली और आसपास के क्षेत्र में शुक्रवार रात 9:8 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिसकी तीव्रता 4.6 मैग्नीट्यूड मापी गई। लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान पिछले 2 महीनों में दिल्ली की धरती भूकंप (Earthquake) के झटकों से 6 बार हिल चुकी है। रिक्टर पैमाने (Richter scale) पर इन भूकंप के झटकों की तीव्रता कम थी, इसलिए लोगों का ज्यादा खतरा महसूस नहीं हुआ। लेकिन दिल्ली के कुछ इलाकों में अभी भी भूकंप का खतरा टला नहीं हैं। जानकारों की मानें तो लिथोस्फीयर की प्लेट्स आपस में रगड़ खा रही हैं, जिसके कारण अभी दिल्ली में और भूकंप के झटके महसूस किए जा सकते हैं।
इस वजह से दिल्ली पर है भूकंप का ज्यादा खतरा
राजधानी दिल्ली में ऐसे भूकंप के झटके आने के पीछे वैज्ञानिकों की ओर से कई कारण बताए गए हैं। मैक्रो सेस्मिक जोनिंग मैपिंग के अनुसार, भारत को 4 जोन में बांटा गया है और इसमें जोन-5 से जोन-2 शामिल है।
जोन 5 सबसे ज्यादा संवेदनशील
इन सभी में जोन 5 को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना जाता है और जोन-2 सबसे कम संवेदनशील। यानी जोन-5 ऐसा क्षेत्र है जहां भूकंप आने की आशंका सबसे ज्यादा है और जोन-2 ऐसा क्षेत्र है जहां भूकंप आने की आशंका सबसे कम होती है।
भूकंप को मापने के लिए भारत को जोन 2, जोन 3, जोन 4 और जोन 5 में बांटा गया है। राजधानी दिल्ली और उसके आसपास का इलाका जोन 4 में आता है। ये वो जोन है, जहां 7.9 तीव्रता तक का भूकंप आ सकता है।
दिल्ली-एनसीआर में तीन फॉल्ट लाइन
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर में तीन फॉल्ट लाइन हैं। जहां फॉल्ट लाइन होती है, वहीं पर भूकंप का एपिसेंटर बनता है। दिल्ली-एनसीआर में जमीन के नीचे दिल्ली-मुरादाबाद फॉल्ट लाइन, मथुरा फॉल्ट लाइन और सोहना फॉल्ट लाइन हैं। भूगर्भ वैज्ञानिकों के मुताबिक, भूकंप की असली वजह टेक्टोनिकल प्लेटों में तेज हलचल होती है। इसके अलावा उल्का प्रभाव और ज्वालामुखी विस्फोट, माइन टेस्टिंग और न्यूक्लियर टेस्टिंग की वजह से भी भूकंप आते हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। इस स्केल पर 2.0 या 3.0 की तीव्रता का भूकंप हल्का होता है, जबकि 6 की तीव्रता का मतलब शक्तिशाली भूकंप होता है।
पिछले कई महीनों से दिल्ली-एनसीआर में कुछ दिनों के अंतराल में भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं। इससे पहले 12 अप्रैल को 3.5, 13 अप्रैल को 2.7, 10 मई को 3.5 और 15 मई को 2.2 तीव्रता का भूकंप आया था। कोरोना वायरस और अब इन भूकंप के झटकों के कारण लोगों के मन में भी खौफ का माहौल बना हुआ है।