इन नियमों के साथ निभाए सास-बहु का रिश्ता, सदा कायम रहेगी मिठास
By: Kratika Mon, 15 June 2020 3:08:05
शादी के बाद जितना तालमेल नए जोड़े यानि कि पति-पत्नी को बनाना पड़ता है, कुछ उतनी ही मेहनत सास-बहू को भी करनी पड़ती है। लेकिन समाज में एक अजीब सी धारणा है सास-बहू के रिश्ते को लेकर। हर व्यक्ति का स्वभाव अलग होता है, इसलिए अपने नये परिवार के नए सदस्यों के स्वभाव को समझने में जल्दबाजी ना करें। खासतौर अपनी सास के बारे में पहले से वो इमेज न बनाएं जो आप हमेशा से देखती या सुनती आ रही हैं। हमेशा इस बात को ध्यान में रखें कि कभी आप भी कभी सास बनेंगी। इसीलिए शुरूआत से ही अपनी सास के साथ अच्छी बॉडिंग बनाने की कोशिश करें और जिंदगी भर उनकी बहू नहीं बेटी बनकर उनका साथ दें।इसलिए आज हम आपके लिए सास-बहू के ये रिलेशनशिप रूल्स लेकर आये हैजिन्हें फॉलो करके आप अपने रिश्ते में मिठास सदा कायम रख सकते है -
उम्मीद न रखें
किसी ने सच ही कहा है कि उम्मीदें हमेशा दिल दुखाती हैं। इसीलिए खुश रहने का सबसे बढ़िया तरीका यही है कि उम्मीद खुद से रखो कभी भी दूसरों से नहीं। सास-बहू के रिश्ते में भी ये रूल सबसे अहम है। क्योंकि उम्मीद न पूरी होने पर ही झगड़े और मनमुटाव शुरू हो जाते हैं।
सम्मान करे
सम्मान करना हर बेहतर रिश्ते की निशानी है। वो आपसे उम्र में बड़ी हैं, उनके पास आपसे ज्यादा अनुभव व समझ है। अगर आपको किसी भी चीज को लेकर कोई परेशानी हैं तो वो इसमें आपकी मदद कर सकती हैं।जब सम्मान होगा तो कोई भी गलत बात न तो आपके मुंह से निकलेगी और न ही उनकी तरफ से।
गलतफहमी करें दूर
कहते हैं कि आधी-अधूरी जानकारी का हमेशा गलत ही अंजाम होता है। इसीलिए किसी बात को बिना जाने या फिर आधा-अधूरा सुनकर तुरंत रिएक्ट न करें। । आमने-सामने बैठकर खुलकर बात करें और अपनी गलतफहमी दूर करे । देखिए ऐसा करने से सिर्फ रिश्ते ही नहीं अच्छे होंगे बल्कि एक-दूसरे के प्रति विश्वास भी गहरा हो जाएगा।
एक-दूसरे से बातें शेयर करें
किसी भी रिश्ते को बेहतर बनाने के लिए एक-दूसरे की फीलिंग्स समझनी पड़ती हैं। जब आप एक-दूसरे से अपनी बातें शेयर करेंगे तो रिश्ता अपने-आप बेहतर बन जाएगा। आपको अपनी सब प्रोब्लेम्स सास से शेयर कर करनी चाहिए । यकीन मानिए वो आपकी हर प्रॉब्लम समझेगी ।
अपनी मां ही समझें
हर एक लड़की के लिए उसकी मां दुनिया की बेस्ट मां होती है। लेकिन उसकी सास नहीं। इसके पीछे वजह ये है कि हम उन्हें मां समझते ही नहीं है। हम उन्हें सास का दर्जा देने की कोशिश करते हैं। लेकिन यही नहीं करना है। अगर आप अपनी सास को अपनी मां जैसा ही समझेंगी तो यकीन मानिए आपके मन में उनके प्रति कभी भी गलत विचार नहीं आ सकते हैं।